किसान आंदोलन को लेकर संसद में विपक्ष और दिल्ली की सीमा पर किसान यूनियन ने महाभारत छेड़ रखा है। सभी की मांग है कि संशोधित तीन कृषि कानूनों को रद्द कर दिया जाए। इस पर सरकार ने किसानों से अपनी 11 दौर की बातचीत, गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा मचाए गए उत्पात और 500 पुलिसवालों के घायल होने की बातों से अवगत कराया। सरकार के इस उत्तर से असंतुष्ट विपक्षी सांसद अब बारी-बारी से किसानों से मिलने पहुंच रहे हैं। इसमें महाराष्ट्र से सांसद सुप्रिया ताई सुले भी थीं। उन्होंने अपने ट्वीटर पर इसकी जानकारी दी तो भाजपा ने ताई को 100 करोड़ के बैंगन का उत्पादन करने का मंत्र किसानों को बताने की राय दे दी।
दरअसल, इस समय दिल्ली के अंदर और बाहर दो संसद चल रही है। एक ओर सरकार कोरोना से पीड़ित अर्थव्यवस्था को बजट की वैक्सीन से ठीक करने का प्रयत्न कर रही है तो दूसरी तरफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत् किसान हैं। ये केंद्रीय कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए अड़े हुए हैं। किसान टेंट में डंटे हुए हैं। उनके समक्ष पुलिस, अर्ध सैनिक बलों का जमावड़ा है और सड़कों पर कीलें गड़ी हुई हैं। इसे देखकर विपक्ष के सांसद किसानों से मिलने के लिए चल पड़े।
दिल्ली येथे कृषी कायद्यांचा विरोध करणाऱ्या शेतकऱ्यांना भेटण्यासाठी आम्ही विविध पक्षांचे खासदार गाझीपूर बॉर्डर येथे निघालो आहोत.गेले सुमारे ७० दिवसांपासून हे शेतकरी या भागात आंदोलन करीत आहेत.सरकारने त्यांची योग्य दखल घेण्याची गरज आहे.https://t.co/iAs9CqflGw
— Supriya Sule (@supriya_sule) February 4, 2021
ये 100 करोड़ का बैंगन क्या है?
दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों से मिलने नौ एकड़ की खेती करनेवाली ताई सुप्रीया सुले भी गई थीं। ताई स्वत: किसान हैं इसका उल्लेख उनके चुनावी प्रतिज्ञापत्र में भी है। वे पहली बार राज्यसभा से 2006 में चुनी गईं इसके बाद 2009, 20014 और 2019 में बारामती से चुनाव लड़कर लोकसभा सांसद बनीं।
आपल्या तीर्थरुपांना जे कायदे करायचे मनात होते पण जमले नाही ते कायदे मोदी सरकारने करून दाखवले.तरीही विरोधासाठी विरोध करायचा असेल तर गाजीपुर बॉर्डरवर आंदोलनकर्त्याना भेटण्यासाठी जरूर जा परंतु तिथे त्यांना १० एकरात १०० कोटीची वांगी लावण्याचा मंत्र मात्र न चुकता द्या. @supriya_sule pic.twitter.com/DHl7UtHoif
— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) February 4, 2021
प्रतिज्ञापत्र के अनुसार ताई किसान हैं। उनकी 9 एकड़ की खेती बारामती के मुजे मालेगर में है। 2009 के लोकसभा चुनाव में 52 करोड़ की संपत्ति ताई ने घोषित की थी। जो किसानी से उन्होंने अर्जित की थी। इसके पांच साल बाद 2014 में उनकी संपत्ति 113.87 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। बस इस प्रतिज्ञापत्र को देखते ही राजनीति गरम हो गई कि 9 एकड़ में ताई कौन सी फसल पैदा करती हैं कि कमाई 113 करोड़ रुपए की होती है?
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