कठुआ जिले की पहाड़ी तहसील बसोहली में भी उत्तराखंड के जोशीमठ इलाके की तरह हालात बनने से लोगों में दहशत फैल गई है। तहसील बसोहली के वार्ड नंबर 6 में लोगों के मकानों में दरारें आ गई हैं। स्थानीय लोग अपने मकान और भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
बताया गया है कि बसोहली में वार्ड नंबर 6 में स्थित लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि रणजीत सागर डैम से मात्र सौ से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर बसे इस गांव के हालात पिछले 35 वर्ष से डैम में पानी एकत्र होने की वजह से बने हैं। अंदर ही अंदर जमीन नरम पड़ चुकी है, जिसकी वजह से जमीन धंसना शुरू हो गई है। इससे छत और दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।
किया जाएगा सर्वे
स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को गांव के हालात से अवगत करा दिया है। इस पर एडीसी बसोहली ने बताया कि मीडिया के माध्यम से ही उन्हें इसकी जानकारी मिली है। इन सब को लेकर विशेष सर्वे किया जाएगा और अगर रंजीत सागर डैम की वजह से लोगों के मकानों की दीवारें फट रही हैं, तो इसका कोई ना कोई उचित समाधान निकाला जाएगा।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि उनके घरों से मात्र 100 मीटर दूरी पर अजीत सागर डैम है, उन घरों के साथ-साथ मोटी और टिकाऊ दीवार बनाई जाए, तब जाकर उनके मकानों का बचाव हो सकता है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें इस भयावह स्थिति से बचाया जाए। ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत करवाने के लिए मुआवजा देने और भविष्य में उनके मकानों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की मांग की है। जिला प्रशासन का कहना है कि सर्वे करवाकर इन मकानों को बचाया जाएगा और उचित समाधान निकाला जाएगा। फिलहाल स्थानीय लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं।