बिना सीमा पार किए ऐसे किया जाएगा दुश्मन का सफाया!

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रहा है, जिससे केवल ड्रोन के माध्यम से ही पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है।

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भारत भविष्य की लड़ाई के लिए अपने आप को तैयार कर रहा है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रहा है, जिससे केवल ड्रोन के माध्यम से ही पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है। ये सिस्टम है कॉम्बेट एयर टीम सिस्टम( कैट्स)। इसकी पहली झलक काफी समय पहले ही देखने को मिली थी।

थल सेना दिवस पर सेना ने एक स्वॉर्मिंग अटैक का नजारा प्रस्तुत किया था। इसमें 70 ड्रोन ने एक साथ मिलकर दुश्मन के ठिकाने के नष्ट कर दिया था। इस ड्रिल में भविष्य के युद्ध के लिए बेहद खास जानकारी दी गई थी। एचएएल इस तरह के एक सिस्टम तैयार करने में जुटा हुआ है। वह आधुनिक और लंबी दूरी पर मार करने के लिए सिस्टम तैयार कर रहा है। ये सिस्टम तीन अलग-अलग ड्रोन के साथ एक ही फाइटर से ऑपरेट किया जा सकता है। पहला ड्रोन सिस्टम है कैट्स, दूसरा है कैट्स हंटर और तीसरा है कैट्स अल्फा।

ऐसे किया जाएगा दुश्मन के ठिकाने को टार्गेट
जब भी भारतीय फाइटर किसी भी मिशन पर निकलेगा तो एक फॉर्मेशन के तहत कैट्स वॉरियर भी उड़ान भरेगा। ये सभी कैट्स वॉरियर ड्रोन हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करनेवाले मिसाइल सिस्टम से लैस होंगे। अगर पायलट को दुश्मन के इलाके में टार्गेट दिख जाता है लेकिन वो सीमा के उस पार है तो इस वॉरियर को लॉन्च किया जाएगा। इसे पायलट अपने कॉकपिट में बैठे-बैठे ही ऑपरेट करेगा और वॉरियर दुश्मन के इलाके में जाकर बम गिरा देगा तथा वापस भी आ जाएगा। इसमें अच्छी बात यह भी है कि ऑपरेट करने के बाद कुछ ही मिनटों में वह अपने निशाने को भेद देगा।

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कैट्स अल्फा 4 छोटे ड्रोन से होगा लैस
इस ऑपरेशन में फाइटर अपने साथ बाकी दोनों ड्रोन भी साथ लेकर उड़ान भरेगा। कैट्स अल्फा 4 छोटे-छोटे ड्रोन से लैस होगा। तेजस इस तरह के करीब 20 ड्रोन के साथ उड़ान भर सकता है, जबकि सुखोई 30 या कोई दूसरा फाइटर जेट 40 ड्रोन को अपने साथ ले जा सकता है। एक बार करियर से ड्रोन निकलने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी की मदद से उसे अपने टार्गेट तक पहुंचाया जाएगा।

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