त्रिपुरा में भाजपा- टीएमपी में गठजोड़? इस बात से मिले संकेत

त्रिपुरा में भाजपा का स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा लगातार उपर-नीचे हो रहा है। ऐसे में पार्टी की ओर से हर तरह की परिस्थिति में बहुमत जुटाने की कोशिशें शुरू दी गई हैं।

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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव रुझानों में भारतीय जनता पार्टी वैसे तो बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है, लेकिन स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा लगातार उपर-नीचे हो रहा है। ऐसे में पार्टी की ओर से हर तरह की परिस्थिति में बहुमत जुटाने की कोशिशें शुरू दी गई हैं। इसके लिए भाजपा स्थानीय टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के संपर्क में है।

सूत्रों ने बताया है कि असम के मुख्यमंत्री और भाजपा की ओर से त्रिपुरा के प्रभारी हेमंत विश्व सरमा टीएमपी सुप्रीमो प्रद्योत देव बर्मन के संपर्क में हैं। दोनों के बीच आधिकारिक बातचीत भी शुरू हो गई है। टीएमपी और भाजपा दोनों के शीर्ष नेताओं का मानना है कि त्रिपुरा में किसी भी सूरत में वामदलों को दोबारा मौका नहीं दिया जाना चाहिए। इसलिए तमाम राजनीतिक विरोध को भूलकर दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेता एक दूसरे से संपर्क में हैं।

टिपरा मोथा को सरकार में शामिल होने का ऑफर
भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने यहां वैसे तो 34 सीटों पर बढ़त हासिल की है और छह सीटों पर जीत भी दर्ज कर चुकी है। बावजूद इसके पार्टी ने यहां चुनाव में पहली बार उतरकर 11 सीटें जीतने वाली टिपरा मोथा पार्टी को भी सरकार में शामिल होने का खुला ऑफर दिया है। भाजपा ने टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत देव वर्मा को कहा है कि पृथक टिपरालैंड की मांग छोड़कर उनकी बाकी सभी मांगें मानने को तैयार हैं। वे चाहते हैं कि टिपरा मोथा भी सरकार में शामिल हो।

मिशन लोकसभा चुनाव 2024 
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने टिपरा मोथा को सरकार में शामिल होने का ऑफर दिया है। इस संगठन का राज्य के जनजातीय समुदाय पर अच्छा खासा प्रभाव है और पृथक ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग की वजह से जनजातीय समुदाय की भावनाएं इस पार्टी से जुड़ी हुई हैं।

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