मुंबई। मुंबई महानगर पालिका की उपनगर में 5 हजार बेड के अस्पताल निर्माण की योजना है। इस योजना के लिए मनपा को 20 एकड़ भूमि चाहिए जिसके लिए नोटिस भी निकाला गया था। इसको लेकर बिल्डर लॉबी में सेटिंग के लिए भागदौड़ शुरू हो गई है।
कोरोना महामारी का प्रादुर्भाव अभी थमा नहीं है ऐसे में मुख्यमंत्री ने आशंका व्यक्त की है कि शहर में कोरोना की दूसरी लहर भी आ सकती है। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मुंबई मनपा उपनगर में 5 हजार बेड वाले अस्पताल निर्माण की योजना पर कार्य कर रही है। इस बारे में जुलाई मे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में निर्णय लिया गया था। इस अस्पताल के निर्माण के लिए मनपा को 20 एकड़ भूमि चाहिए जिसके लिए जुलाई में मनपा ने इच्छुक भूमि मालिकों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लेटर मंगवाया था। इसके अनुसार भूमि किसी प्रकार के आरक्षण में नहीं होनी चाहिए, उस भूमि पर कोई कानूनी कार्रवाई प्रलंबित न हो तथा भूमि पूर्वी या पश्चिमी द्रुतगति मार्ग या 90 फीट रोड से लगी होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार मनपा के इस अस्पताल के निर्माण पर बड़े बिल्डरों की नजर टिक गई है। बिल्डर इस योजना को लेकर सेटिंग लगाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। इसमें दो बड़े बिल्डर सबसे आगे हैं। इसमें से एक बिल्डर का उपनगर में अस्पताल है तो दूसरे की भूमि पूर्वी उपनगर के द्रुतगति मार्ग से लगी है। इन बिल्डरों का मनपा और राज्य की सत्ता के संचालनकर्ताओं से करीबी संबंध होने की बात भी सामने आ रही है।
शहर के मालिक को जमीन चाहिए
मुंबई महानगर पालिका शहर के भूमि की दूसरी सबसे बड़ी मालकिन है। उसके पास शहर में करीब 4,076 संपत्तियां हैं जिसमें से अधिकांश पट्टे पर हैं। इसके अलावा 3,783 प्लॉट हैं जो वेकेंट लैंड टेनेंसी (वीएलटी) के अधीन हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में प्लॉट हैं जिसपर अतिक्रमण है। इन्हें मनपा अभी तक अधिग्रहीत नहीं कर पाई है। ऐसे में उपनगर में 5 हजार बेड के अस्पताल के लिए भूमि लेने के मनपा के प्रस्ताव पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
बिल्डरों ने टिकाई नजर
मनपा की अस्पताल योजना पर बिल्डरों की नजर टिकी हुई है। कई बिल्डरों ने इसके लिए जोड़-जुगाड़ शुरू कर दिया है। लेकिन सत्ता के करीबी दो बिल्डरों का नाम सूत्रों से सामने आ रहा है। इनमें से एक की पूर्वी उपनगर में द्रुतगति मार्ग से लगी हुई बड़ी भूमि है जबकि दूसरे दूसरे बिल्डर का अपना अस्पताल भी है।