मुंबई महानगरपालिका में राजनीतिक दलों के कार्यालयों को सील करने और पूर्व पार्षदों के कार्यालयों में प्रवेश पर रोक लगाने के बाद प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के बाहर सोफे पर बैठने पर भी रोक लगा दी है। इस क्रम में पार्टी कार्यालय को सील कर दिया गया है। साथ ही कार्यालयों के बाहर रखे सोफे और बेंच को भी हटा दिया गया है। इस कारण पूर्व पार्षद अब मनपा मुख्यालय में एक पल का विश्राम भी नहीं कर सकेंगे। ऐसा लगता है कि ऐसा कर प्रशासन उन्हें संदेश देना चाहता है कि काम करो और अपने घर जाओ।
प्रशासन ने इसलिए लिया ये निर्णय
बीएमसी मुख्यालय में विभिन्न पार्टी कार्यालयों को आवंटित कार्यालयों को मनपा में नगरसेवकों के कार्यकाल पूरा होने के बाद 7 मार्च, 2022 को सील किया जाना था, लेकिन आगामी मनपा चुनाव नजर नहीं आ रहा था, इसलिए आयुक्त और प्रशासक ने मानवता दिखाते हुए शिवसेना, बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और समाजवादी पार्टी के सभी कार्यालय खोल दिए थे, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पूर्व नगरसेवकों द्वारा उद्धव गुट में कार्यालयों पर अधिकार को लेकर बढ़ते तनाव के मद्देनजर कार्यालयों को सील कर दिया गया है। शिवसेना के साथ ही अन्य पार्टियों के कार्यालयों में भी ताले जड़ दिए गए हैं।