पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की घेराबंदी बढ़ती ही जा रही है। जिला न्यायालय के गिरफ्तारी वारंट पर उच्च न्यायालय से स्थगनादेश मिलने के बाद राहत की सांस ले रहे इमरान खान पर अब चुनाव आयोग ने शिकंजा कस दिया है। चुनाव आयोग ने इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फवाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ अवमाननापूर्ण टिप्पणी से जुड़े एक मामले में पाकिस्तानी चुनाव आयोग की चार सदस्यीय पीठ में सुनवाई हुई। पाकिस्तानी चुनाव आयोग की निसार अहमद दुर्रानी, शाह मोहम्मद जतोई, बाबर हसन भरवाना और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) इकराम उल्लाह खान की चार सदस्यीय पीठ के समक्ष इमरान खान गैरहाजिर रहे। इस कारण आयोग ने इमरान के साथ उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी के खिलाफ अलग से गिरफ्तारी आदेश जारी किया। आदेशों में कहा गया है कि प्रतिवादियों को कई बार व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन प्रतिवादी आयोग के समक्ष पेश होने में विफल रहे।
चुनाव आयोग का आरोप
फैसले में पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट की तामील इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम से की जाएगी। इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय को तत्काल कार्रवाई करने और मामले को 14 मार्च को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि इमरान खान ने जानबूझकर किसी न किसी बहाने से सुनवाई स्थगित करने की मांग की और वह पीठ के समक्ष पेश होने के लिए अनिच्छुक थे। आयोग ने जोर देकर कहा कि यह कानून का मजाक है। आयोग के समक्ष उनका पेश न होना जानबूझकर प्रतीत होता है।
फवाद चौधरी ने की आदेश की आलोचना
इस आदेश पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने कहा कि चुनाव आयोग का यह आदेश लाहौर हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करता है। लाहौर हाई कोर्ट ने छह जनवरी को इस मामले में इमरान खान, फवाद चौधरी और पार्टी महासचिव असद उमर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया था। फवाद चौधरी ने ट्वीट कर अदालत की अवमानना के लिए चुनाव आयोग को हाई कोर्ट में तलब किये जाने की बात कही।