केंद्र सरकार हमेशा कहती है कि हमें देश के पुरातात्विक संरचनाओं का संरक्षण करना चाहिए लेकिन वास्तविकता अलग है। नागपुर के केलीबाग रोड पर स्थित यह मंदिर करीब 350 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर की स्थापना भोसले राजा ने की थी। भोसले राजा ने मंदिर का नाम केलीबाग मंदिर रखा था। इसके परिसर में 4 छोटे मंदिर हैं, जिनमें गणेश मंदिर, शिव मंदिर, राम मंदिर और कला हनुमान मंदिर शामिल हैं।
भटजी वशीमकर आज भी इस मंदिर में विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इस मंदिर के पुजारी वशीमकर का कहना है कि उनकी पांचवीं पीढ़ी इस मंदिर में पूजा कर रही है। कभी मंदिर के सामने वाली सड़क का नाम इसी मंदिर के नाम पर रखा गया था। लेकिन आज इस मंदिर की दुर्दशा ऐसी हो गई है कि अब लोग अपना सामान इस मंदिर में गोदाम समझकर रख देते हैं।
पुरातत्व विभाग की सूची में ए श्रेणी में मंदिर
केलीबाग मंदिर को नागपुर पुरातत्व विभाग की सूची में ए श्रेणी में रखा गया है। कारण यह है कि मंदिर की वास्तुकला को देखते हुए इस मंदिर को ए श्रेणी में रखा गया है।
#नागपुरः पुरातत्व विभाग की ए कैटेगरी में आने वाले मंदिर को नागपुर के लोगों ने गोदाम बना दिया। pic.twitter.com/OCxc0Ffkss
— Hindusthan Post (@HindusthanPostH) March 12, 2023
पुरातत्व विभाग को भी इस मंदिर के गोदाम बनाये जाने की जानकारी नहीं है। विभाग के अध्यक्ष मोखा ने बताया कि इस इमारत की देखभाल करना हम सभी की जिम्मेदारी है और पुरातत्व विभाग इस मामले का संज्ञान लेगा। उन्होंने विभाग से मांग की है कि वह इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करें।
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