महाराष्ट्र के नायब तहसीलदार 13 मार्च को हड़ताल पर चले गए हैं। इनके समर्थन में तहसीलदारों और कलेक्टरों ने भी काम बंद करने का आह्वान किया है। इस कारण राज्य भर में 358 तालुकों में सभी तहसील कार्यालयों में सन्नाटा पसरा है। नायब तहसीलदारों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी “ग्रेड पे” की मांग पर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो वे 3 अप्रैल से अनिश्चित काल हड़ताल पर चले जाएंगे। नायब तहसीलदार का पद द्वितीय श्रेणी का है, इस पद पर अन्य विभागों में द्वितीय श्रेणी के समकक्ष पदों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। नायब तहसीलदार इस मांग से सरकार को पहले ही अवगत करा चुके हैं।
यह है मामला
13 अक्टूबर, 1998 को, राज्य सरकार ने नायब तहसीलदार संवर्ग के पद को कक्षा तीन से बढ़ाकर कक्षा दो कर दिया। लेकिन वेतन नहीं बढ़ाया गया, इसलिए विगत 25 वर्षों से प्रदेश के सभी नायब तहसीलदार वर्ग दो के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन तृतीय श्रेणी का वेतन ले रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि नायब तहसीलदारों को भी सरकार के अन्य विभागों में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के समान ग्रेड पे में वृद्धि दी जाए। अधिकारियों का कहना है कि यह पैसे की नहीं बल्कि स्वाभिमान की लड़ाई है। सरकार ने नायब तहसीलदारों की मांगों का समाधान नहीं किया तो 3 अप्रैल से सभी अधिकारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।