यूक्रेन युद्ध के कारण रूस और अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव अब सीधे घमासान की ओर बढ़ चला है। काला सागर में रूस ने एक अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन मार गिराया है। इस मसले पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और दोनों देशों के बीच तनाव भी बढ़ गया है। अमेरिका ने रूसी राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वैलेस ने भी कहा है कि रूस को अंतरराष्ट्रीय वायु सीमाओं का पालन करना चाहिए।
ड्रोन हो गया ढेर
रूस और यूक्रेन की सीमाओं को मिलाने वाले क्षेत्र काला सागर में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से ही तनाव बना हुआ है। वहां एक अमेरिकी सैन्य टोही ड्रोन रीपर नियमित उड़ान पर था, तभी रूस का एक लड़ाकू विमान एसयू-27 उससे टकरा गया। टकराने के बाद ड्रोन काला सागर में गिर गया। दावा किया जा रहा है कि रूस के लड़ाकू विमान ने इस ड्रोन को मार गिराया।
राजदूत से जताया विरोध
इस घटना पर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमने कड़ी आपत्ति जताने के लिए रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव को तलब किया है। प्राइस ने यह भी कहा कि रूस में अमेरिकी राजदूत लिन ट्रेसी ने भी रूसी विदेश मंत्रालय को एक कड़ा संदेश दिया है।
अमेरिका का आरोप
अमेरिकी वायुसेना के अधिकारी जनरल जेम्स हेकर ने बताया कि अमेरिका का एमक्यू-9 विमान अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के ऊपर नियमित उड़ान पर था। इस दौरान एक रूसी जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आ गया। इस टक्कर के बाद ड्रोन काला सागर में गिर गया। अधिकारी ने कहा कि मानवरहित ड्रोन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि दो रूसी एसयू-27 विमानों ने काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान पर सक्रिय अमेरिकी वायुसेना के खुफिया, निगरानी और टोही मानवरहित एमक्यू-9 ड्रोन का लापरवाह और अव्यवसायिक तरीके से पीछा किया। उन्होंने कहा कि टक्कर से पहले कई बार रूसी लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन के सामने से उड़े।
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रूस ने किया खंडन
इस बीच रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर चुका था। रूस ने दावा किया है कि अमेरिकी सैन्य ड्रोन रूसी सीमा पर तेजी से मंडरा रहा था और इस कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हुआ। उसके लड़ाकू विमान ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया। इस बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि रूसी फाइटर जेट ने अमेरिकी एयरफोर्स के ड्रोन को नीचे उतरने पर मजबूर किया। रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन के आमने-सामने आ जाने के बाद यह घटना हुई।