केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की पहली महिला योद्धा अब नक्सलियों को घुटने टिकाने के लिए तैयार हो रही हैं। फोर्स के 35वें स्थापना दिवस पर 88वीं महिला बटालियन की सदस्यों में से इन योद्धाओं का चयन हुआ है। विश्व में यह पहली बटालियन है जिसमें सभी सदस्य महिला ही हैं।
इतिहास के पन्ने में एक और अध्याय है ये जब नारी शक्ति केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के कोब्रा विंग को नई मजबूती प्रदान करेंगी। इसमें 35 महिला योद्धा हैं। इन्हें अब कोब्रा सेक्टर मुख्यालय में कठिन प्रशिक्षण से गुजरना होगा। जिसके बाद इन्हें नक्सल प्रभावित (लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज्म) क्षेत्रों में कोब्रा विंग के पुरुष कमांडो के साथ तैनात किया जाएगा।
कोब्रा कमांडो में नारी शक्ति
- कोब्रा महिला कमांडो का चयन केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की छह महिला यूनिट से
- तीन महीने का लेना होगा प्रशिक्षण
- प्रशिक्षण में पास आउट महिला कोब्रा कमांडो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होंगी तैनात
- 35वें स्थापना दिवस पर पूर्ण महिला ब्रास बैंड की तैनाती भी हुई
- सीआरपीएफ में पूर्ण रूप से महिलाओं की पहली बटालियन 1986 में अस्तित्व में आई थी। जिसका बटालियन क्रमांक 88 है।
- वर्तमान में सीआरपीएफ की 6 यूनिट में 1,000 महिला जवान हैं
History in making: The first batch of CRPF Women Warriors joins the elite CoBRA. The batch will undergo strenuous @CoBRASECTORHQ pre-induction training and will then be posted in LWE areas alongside their male counterparts.
Congratulations to the new entrants.#Narishakti pic.twitter.com/wshaOW2gAe
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) February 6, 2021
कोब्रा डिवीजन
कोब्रा बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन (CoBRA) की स्थापना विशेष छापामार युद्ध और जंगल अभियान के लिए किया गया है। इसके जवान छापामार युद्ध में महारत प्राप्त होते हैं। इन्हें ‘जंगल योद्धा’ के रूप में भी जाना जाता है। कोब्रा कमांडो का चुनाव केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स से ही किया जाता है। देश में 2008-2011 के मध्य 10 कोब्रा यूनिट तैयार की गई थीं।
कोब्रा कमांडो फोर्स का कार्यवृत्त
- वर्ष 2009 से 25,127 ऑपरेशन पूरे किये
- 384 नक्सलियों को किया ढेर
- 3,107 नक्सलियों को पकड़ा
- 2,473 नक्सलियों से समर्पण करवाया
- 1,315 हथियार बरामद
- 37,880 आयुध बरामद
- 11,814.025 किलोग्राम बारूद बरामद
- 4,328 बम, इम्प्रूवाज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस, ग्रेनेड बरामद
- 37,768 डेटोनेटर बरामद
नक्सल आतंक से निपटने के लिए केंद्रीय डिवीजन
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नक्सल आतंक (लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज्म) प्रभावित क्षेत्रों में इसके प्रभाव के अध्ययन, निर्मूलन और राज्यों को नक्सलियों से लड़ने की शक्ति देने के लिए एक लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज्म डिवीजन की स्थापना की गई है। यह डिवीजन 19 अक्टूबर, 2006 को अस्तित्व में आया। देश के लगभग 11 राज्य नक्सल आतंक से प्रभावित हैं। जिसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केरल हैं।
केंद्रीय डिवीजन के कार्य
- केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी योजना के अंतर्गत राज्यों को नक्सली आतंक से निपटने के लिए सुरक्षा संबंधी खर्च (एसआरई) योजना, विशेष संसाधन योजना, विशेष केंद्रीय सहायता आदि का वितरण करना।
- केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करना
- आर्थिक सहायता से केंद्रीय सशस्त्र बलों के संसाधन विकास को बल देना
- नक्सल प्रभावित राज्यों की सुरक्षा संबंधी स्थिति का पुनरावलोकन करना और राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करना
- राज्य सरकार को नक्सल आतंक से निपटने के लिए सहायता प्रदान करना
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की याजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करना