फ्रांस में सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का विरोध हिंसक हो रहा है। सड़कों पर उग्र प्रदर्शन कर रहे लोग आगजनी और पथराव कर रहे हैं। पुलिस ने भी जगह-जगह जवाबी बल प्रयोग किया है। फ्रांस की इमैनुएल मैक्रों सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 64 वर्ष कर दी है।
बिना वोटिंग नए कानून लागू
सरकार ने फ्रांस की पेंशन प्रणाली को कंगाल होने से बचाने के लिए यह कदम उठाने की बात कही है। इसके लिए फ्रांस की संसद में वोटिंग होनी थी, लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने उन्हें मिले संवैधानिक अधिकारों के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए संसद में बिना वोटिंग के ही नए कानून को लागू कर दिया। फ्रांस की संसद में भी इस कानून का विरोध हो रहा है और कई सांसद इसका विरोध कर रहे हैं। उनका विरोध संसद में चर्चा के बिना इस कानून को लागू करने को लेकर भी है।
उग्र हुआ प्रदर्शन
सरकार के इस फैसले के विरोध में राजधानी पेरिस सहित देश भर में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार विरोधी नारेबाजी से शुरू हुआ विरोध का सिलसिला पुलिस के विरोध तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने नियंत्रित करने का प्रयास किया तो प्रदर्शन उग्र हो गया। इसके बाद जगह-जगह पेरिस की सड़कों पर आगजनी और पथराव देखने को मिला।
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पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की है। पुलिस ने सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा व पुलिस के बल प्रयोग में भारी संख्या में लोग जख्मी भी हुए हैं। विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो व तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। आंदोलनकारी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने पर अड़े हुए हैं।