दागी उम्मीदवारों का सही से विवरण न देने का मामलाः इस निर्देश के साथ सुनवाई से सर्वोच्च इनकार

13 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दल केवल जीतने की काबिलियत के आधार पर दागी लोगों को टिकट न दें।

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सर्वोच्च न्यायालय ने दागी उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्यौरा मीडिया में सही ढंग से प्रकाशित न करवाने पर संबंधित राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत करें।

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इससे पहले की थी टिप्पणी
इससे पहले 13 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दल केवल जीतने की काबिलियत के आधार पर दागी लोगों को टिकट न दें। अगर वे दागी लोगों को टिकट देते हैं तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर इसकी वजह बतानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दागी लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि राजनीतिक दल दागी लोगों की उम्मीदवारी तय करते ही अपनी वेबसाइट पर 48 घंटे के भीतर उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना अपलोड करेंगे। वेबसाइट पर दागी उम्मीदवारों के अपराध की प्रकृति और उन पर लगे आरोपों की जानकारी देनी होगी। उन्हें अपनी वेबसाइट पर ये भी बताना होगा कि वे दागी उम्मीदवारों को टिकट क्यों दे रहे हैं। उम्मीदवारों की जानकारी देते समय ये नहीं बताना चाहिए कि वे चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं।

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