चिकित्सकों के अनुसार मोबाइल की लत से युवा अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलोजी विभाग के डा. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मोबाइल की लत के कारण युवा अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि सोने से एक घंटे पहले मोबाइल से दूरी बनाएं।
एसजीपीजीआई लखनऊ की न्यूरोलोजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. विनीता एलिजाबेथ मनि ने बताया कि नींद न आने से तरह-तरह शारीरिक व मानसिक बीमारियां हो जाती हैं। सोशल मीडिया पर देर रात तक सक्रिय रहने से युवाओं की नींद गायब हो रहे हैं। ऐसे युवा बाद में डिप्रेशन में चले जाते हैं।
छह-सात घंटे की नींद जरुरी
डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलोजी विभाग के डा. नवीन जामवाल के अनुसार व्यक्ति को कम से कम छह से सात घंटे सोना चाहिए। इससे कम या ज्यादा सो रहे हैं तो इसका असर हृदय पर पड़ता है। मोबाइल व टीवी की वजह से लोग कम सो रहे हैं।
यह भी पढ़े – ऋषभ पंत से मिले युवराज सिंह, प्रशंसा करते हुए कही ये बात
अधिक सोना भी है खतरनाक
बलरामपुर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. देवाशीष के अनुसार अच्छी सेहत के लिए भरपूर नींद लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बहुत अधिक व कम सोना भी खतरनाक होता है। अधिक सोने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। वहीं कम सोने से व्यक्ति तनाव व चिड़चिड़ापन का शिकार हो जाता है। डा. देवाशीष ने बताया कि अनिद्रा की शिकायत लेकर ओपीडी में अधिकांश युवा आ रहे हैं। नींद के प्रति जागरूकता के लिए ही प्रतिवर्ष 17 मार्च को विश्व नींद दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है स्लीप नींद सेहत के लिए जरूरी रखी गई है।