देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर को लेकर बड़ी गलती की थी। उन्होंने, कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाकर बड़ी भूल की थी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह कहते हुए कांग्रेस की नीतियों को भी कटघरे में खड़ा किया है।
केंद्रीय मंत्री ने फूछा कि, कश्मीर प्रकरण को अंतरराष्ट्रीय मंच पर क्यों ले जाया गया? मैंने जो स्कूल में पढ़ा, उसके अनुसार कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह विलय के समझौते पर हस्ताक्षर के लिए खुशी से तैयार थे। परंतु, दिल्ली की तत्कालीन सत्ता विलय को अधिक मजबूत करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने जनमत संग्रह का निर्णय किया था। अपने इन उद्देश्यों के लिए उन्होंने इसे अतंरराष्ट्रीय मंच पर उठाया।
रिजिजू से सहमत
हरदीप सिंह पुरी से पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के उस बयान पर प्रतिक्रिया पूछी थी, जिसमें किरण रिजिजू ने कश्मीर प्रकरण पर नेहरू के कदम पर टिप्पणी की थी। हरदीप सिंह पुरी ने कहा, क्या निर्णय लेने में कोई गलती हुई है? आप कह सकते हैं कि, उन्होंने गलती की लेकिन उसे साबित नहीं कर सकते। ऐतिहासिक सच्चाई और इस प्रकरण को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना और जनमत संग्रह कराना किसी नासमझी से कम नहीं था। यह एक बड़ी भूल थी। इसलिए मैं किरण रिजिजू से सहमत हूं। नेहरू ने वह भूल की थी इसलिए पाकिस्तान सक्षम हुआ कि वह जम्मू कश्मीर में दिक्कतें खड़ी करे। आपने गलती कि और अगले व्यक्ति ने उसका लाभ उठा लिया।