देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए मीठी नदी काफी वर्षों से सिरदर्द साबित हो रही है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद यह नदी मुबंई महानगरपालिका के साथ ही मुंबईकरों के लिए भी एक पहेली बनी हुई है। मीठी नदी में सुरक्षा दीवार के साथ ही मलनिसरण पाइपलाइन डालने और अन्य कामों के लिए 400 रुपए का ठेका पहले ही दिया गया है। अब मीठी नदी के मलवे को निकालने और साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त 63 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया के आधार पर दो कंपनियों का चयन किया गया है।
बीएमसी चुका रही है हर महीने 10 लाख रुपए की पेनाल्टी
पर्यावरण संरक्षण को लेकर दिए गए निर्देश के अनुसार महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अक्टूबर 2019 में मीठी नदी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए महानगरपालिका को सीमाबद्ध रुपरेखा पेश करने का आदेश दिया था। इस बारे में जनवरी 1920 में बीएमसी ने प्रदूषण मंडल को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकन उस पर अमल नहीं हुआ। इस वजह से बीएमसी को 1 अप्रैल 2020 से 10 लाख रुपए प्रति महीने पेनाल्टी चुकाना पड़ रहा है। अब बीएमसी ने नदी की साफ-सफाई के लिए आधुनिक प्रणाली की मशीनें इस्तेमाल करने के लिए टेंडर मंगवाया है। इनकी मदद से मीठी नदी की आसानी से सफाई होने का दावा बीएमसी कर रही है।
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दो भागों में बांटकर सफाई
पवई फिल्टरपाड़ा से कुर्ला टीचर्स कॉलोनी व टीचर्स कॉलोनी से बीकेसी कनेक्टर तक नदी को दो भागों में बांटकर मीठी नदी की सफाई की जाएगी। इन दोनों कामों के लिए तनिषा एंटरप्राइजेस( 29.91करोड़ रुपए) एक्यूट डिजायनर्स ( 32.50 करोड़ रुपए) की नियुक्ति की गई है।
किया जाएगा आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल
मीठी नदी के मलवे, कचरा और जलपर्णी निकालने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सील्ट पुशिंग पंटुन मशीन और मल्टीपर्पस एम्फीबीएस पंटुन मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि कुर्ला आदि इलाकों में सफाई नहीं होने पर बारिश के दिनों मे इसका असर सायन से कुर्ला रेलवे स्टेशनों तक होता है। इस वजह से कई बार रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित होती है। इसलिए इन इलाकों में नई मशीनों से फरवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक सफाई करने के लिए कंपनी की नियुक्ती की गई है।