मुंबई के पास स्थित नासिक में आयकर विभाग ने लगातार छह दिनों तक बिल्डरों के यहां छापेमारी कर साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के बेहिसाब लेनदेन का पता लगाया है। छापेमारी की यह कार्रवाई 25 अप्रैल को पूरी हुई है। इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने नासिक में लगातार छह दिनों तक करीब 45 बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर छापेमारी करते हुए तीन करोड़ की नकदी और ढाई करोड़ के आभूषण जब्त किए गए हैं।
अब तक की कार्रवाई में पता चला है कि बहुत से सरकारी अधिकारी और राजनीतिक दलों के नेताओं ने बिल्डिंग निर्माण व्यवसाय में निवेश कर रखा है, यह संख्या करीब डेढ़ हजार तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि अभी तक आयकर विभाग की ओर से इसके बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है।
225 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें छापेमारी में शामिल
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग को पुणे में बिल्डरों द्वारा बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की शिकायतें मिली थीं। इसी वजह से आयकर विभाग के सौ से अधिक अधिकारी व कर्मचारी अलग-अलग टीम बनाकर 20 अप्रैल को सुबह 5 बजे से ही नासिक के विभिन्न बिल्डरों के यहां छापेमारी शुरू कर दी थी। इसके बाद नासिक के आयकर विभाग की टीम के साथ छत्रपति संभाजीनगर, ठाणे, पुणे, मुंबई, नागपुर कार्यालयों के 225 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें छापेमारी में शामिल हुईं और छह दिनों तक दिन-रात कार्रवाई कर रही थी। इन टीमों ने बिल्डरों के 40 से 45 दफ्तरों, बंगलों, फार्म हाउसों पर छापेमारी की और भारी मात्रा में टैक्स चोरी के सबूत भी बरामद किए।
25 अप्रैल तक चली आयकर विभाग की छापेमारी
आयकर विभाग की छापेमारी 25 अप्रैल को खत्म हुई है। इसी दौरान आयकर की टीम को इगतपुरी शहर में एक लॉटरी व्यवसायी के बारे में भी इनपुट मिले। आयकर विभाग की टीम के करीब 10 से 15 अधिकारियों ने लॉटरी व्यवसायी के यहां भी छापेमारी की। बताया जा रहा है कि लाटरी व्यवसायी के यहां 70 से 80 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति मिली है। आयकर विभाग की टीम इन मामलों से जुड़े कागजातों की छानबीन कर रही है।