नौसैनिक को जिंदा जलाने का मामलाः क्यों उठी सीबीआई जांच की मांग?

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झारखंड के पलामू जिले के निवासी नौसेना अधिकारी सूरज कुमार दुबे को जिंदा जलाए जाने के मामले की उनके परिजन सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। उनके परिजनों का आरोप है कि सूरज कुमार दुबे की हत्या बड़ी साजिश का हिस्सा है।

बता दें कि सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से अगवा कर महाराष्ट्र के पालघर में लाया गया था और फिर उन्हें जिंदा जला दिया गया था। 6 फरवरी को वे घायल अवस्था में मिले थे। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

उनके भाई नीरज दुबे का आरोप
सूरज कुमार दुबे के भाई नीरज कुमार दुबे ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें फोन पर बताया था कि फिरौती के लिए उनका अपहरण किया गया था। लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। परिवार के किसी सदस्य के पास फिरौती के लिए कोई फोन नहीं आया। घटना के पीछे बड़ी साजिश है। नीरज दुबे ने बताया कि पालघर के एसपी ने उन्हें बताया कि तीन लोगों ने उनका अपहरण किया था,जिसमें एक का नाम इरफान है। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच किए जाने पर ही असली बात सामने आएगी और हमें न्याय मिलेगा।

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सूरज का साथी धर्मेंद्र लगातार संपर्क में था
नीरज ने बताया कि उनका साथी जवान धर्मेंद्र सूरज से लगातार संपर्क में था। 22 जनवरी से धर्मेंद्र, सूरज का लोकेशन फॉलो कर रहा था। 30 जनवरी को दोनों के बीच 13 बार एसएमएस के जरिए बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि घटना के बाद दो दिन तक यूनिट के कमांडेंट का व्यवहार परिजनों के प्रति काफी सहानुभूतिपूर्ण था, लेकिन जैसे ही धर्मेंद्र का जिक्र आया, कमांडेंट का व्यवहार बदल गया।

पार्थिव शरीर लेने आए थे नीरज दुबे
वह अपने भाई का पार्थिव शरीर लेने रांची आए थे। 7 फरवरी को सूरज दुबे का पार्थिव शरीर रांची पहुंचा। एयरपोर्ट पर उन्हें नौसेना के अधिकारियों, पांकी के विधायक शशिभूषण मेहता समेत अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद तिरंगे में लपेटे सूरज को लेकर नौसेना के जवान व परिजन पलामू के लिए रवाना हो गए।

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अगस्त 2012 में नेवी में हुआ था चयन
नेवी जवान सूरज कुमार दुबे पलामू के रहनेवाले थे। अगस्त 2012 में उनका नेवी में चयन हुआ था। वह 30 जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पलामू से निकले थे। उन्हें कोयंबटूर जाना था, लेकिन बीच से ही वे लापता हो गए थे। 6 फरवरी की रात सूरज महाराष्ट्र के पालघर में 90 फीसदी जले हुए पाए गए थे।

पुलिस का पक्ष
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि उन्होंने दोस्तों से काफी कर्ज ले रखा था। शेयर बाजार में भी पैसा लगा रखा था। 15 जनवरी को सूरज की शादी तय हुई थी। उस समय उनके बैंक एकाइउंट में 9 लाख रुपए थे। लेकिन अब उनमें पैसे नहीं हैं। पूरे मामले की जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में 100 पुलिस अधिकारी- कर्मी विभन्न स्तरों पर काम कर रहे हैं।

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