इस वर्ष महाराष्ट्र की 210 चीनी मिलों ने 10 करोड़ 54 लाख 75 हजार टन गन्ने की पेराई का लक्ष्य पूरा किया है। इस वर्ष कुल 105 लाख 27 हजार टन का चीनी का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2021 की तुलना में दो करोड़ 67 लाख टन गन्ने की पेराई कम हुई है, इसलिए इस बार 31.58 लाख टन चीनी का कम उत्पादन हुआ है। यह जानकारी चीनी आयुक्तालय ने उपलब्ध कराई है।
सोलापुर के विट्ठलराव शिंदे सहकारी चीनी मिल ने मारी बाजी
चीनी आयुक्तालय के अनुसार इस वर्ष सबसे ज्यादा 18.41 लाख टन गन्ने की पेराई महाराष्ट्र के सोलापुर के विट्ठलराव शिंदे सहकारी चीनी मिल में हुई है। नेचुरल शुगर उस्मानाबाद में 164 दिन, सागर सहकारी कर्मयोगी अंकुशराव टोपे सहकारी में 162 दिन, श्री सिद्धेश्वर सहकारी सोलापुर में 160 दिन, श्री विघ्नहर सहकारी पुणे में 158 दिन, श्री सोमेश्वर पुणे में 157 दिन, संत तुकाराम पुणे में 157 दिन गन्ने की पेराई हुई है।
जलवायु परिवर्तन से गन्ने की फसल प्रभावित
चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से गन्ने की फसल प्रभावित हुई है।औसत हेक्टेयर उत्पादकता 115 टन से घटकर 80 से 85 टन तक कम हो गई है। ज्यादा खोडवा गन्ने के कारण भी चीनी के उत्पादन में गिरावट आई है। महाराष्ट्र 105.27 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के साथ देश में इस वर्ष भी नंबर वन रहा है।