जनसंख्या वृद्धि, लैंड जिहाद एवं लव जिहाद यह इस्लामी राष्ट्र निर्मिती के लिए अपनाई जा रही नीतियां हैं। वामपंथी एवं पश्चिमी प्रसार माध्यम इसे काल्पनिक कथा कहते हैं, परंतु ‘द केरला स्टोरी’ एक कटुसत्य है तथा ‘लव जिहाद’ तो हिन्दू-ईसाई महिलाओं के गर्भ पर किया जा रहा आतंकी आक्रमण है। कर्नाटक के फिल्म निर्माता तथा फिल्म वितरक प्रशांत संबरगी ने यह स्पष्टतापूर्ण मत व्यक्त किया। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित द केरला स्टोरी: लव जिहाद से लेकर आईसिस तक विषय पर आधारित ऑनलाइन विशेष संवाद में वे ऐसा बोल रहे थे।
अंतरधर्मीय विवाहों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक
प्रशांत संबरगी ने कहा कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने ‘हलाला’ प्रथा पर आधारित ‘हलाला अ कर्स’ फिल्म का भी विरोध किया। यह मामला न्यायालय तक पहुंचा, आखिर में कांग्रेस को विरोध वापस लेना पड़ा। वर्ष 2010 में केरल उच्च न्यायालय में भी ‘लव जिहाद’ की सच्चाई सामने आई। लव जिहाद रोकने के लिए सरकार को अंतरधर्मीय विवाहों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। इसी आधार पर ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म बनाई गई है। कश्मीर में होनेवाली हिंसा की घटनाओं से वहां चल रहे आतंकवाद में पाकिस्तान के संलिप्त होने की बात ध्यान में आती है, परंतु केरल में चल रहा ‘लव जिहाद’ यह ‘सॉफ्ट टेररिज्म’ का भाग है तथा इसके पीछे ‘सऊदी’ एवं ‘सीरिया’ जैसे देश हैं।
इस अवसर पर ‘रणरागिनी’ शाखा की कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर ने कहा कि एक ओर कांग्रेस एवं वामपंथी दल ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में जब कांग्रेस की सरकार थी अर्थात वर्ष 2011 में एक परिपत्र निकालकर उसमें ‘लव जिहाद’ के संबंध में जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया था। साथ ही सूचना के अधिकार के अंतर्गत ‘लव जिहाद’ के 22 प्रकरण रजिस्टर किए जाने की जानकारी दी गई थी। केरल के कम्यूनिस्ट दल के तत्कालिन मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन ने वर्ष 2010 में दिल्ली में पत्रकार परिषद कर कहा था कि आनेवाले 20 वर्षों में केरल को ‘इस्लामिक स्टेट’ बनाने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है।
पाकिस्तानी वंश के लड़के ईसाई लड़कियों को बना रहे लक्ष्य
प्रतीक्षा कोरगांवकर ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही इंग्लैंड के गृहमंत्री ने कहा था कि पाकिस्तानी वंश के लड़के ‘इस्लामिक ग्रूमिंग गैंग’ के द्वारा इंग्लैंड की ईसाई लड़कियों को लक्ष्य बना रहे हैं। स्वीडन ने द केरला स्टोरी की भांति उनके देश की महिलाओं पर ‘आईसीस’ के (इस्लामिक स्टेट के) आतंकियों द्वारा किए गए भीषण अत्याचारों पर आधारित फिल्म शृंखला बनाई थी। उसके जनजागरण के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा था।
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