जानिए क्यों मनाया जाता है महाराष्ट्र स्थापना दिवस

1 मई 1960 को बॉम्बे से महाराष्ट्र और गुजरात को भाषा के आधार पर अलग किया गया था।

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देश के 30 राज्यों के राजभवनों (Raj Bhavans) में आज 1 मई 2023 को महाराष्ट्र (Maharashtra) और गुजरात (Gujarat) के स्थापना दिवस (Foundation Day) पर कार्यक्रम मनाए जा रहे हैं। देश की सांस्कृतिक विविधता और परंपरा को उत्सव के रूप में मनाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने पहली बार यह पहल की है। अब भविष्य में सभी राज्य न केवल अपना स्थापना दिवस बल्कि अन्य राज्यों का भी स्थापना दिवस मनाएंगे। सरकार ने यह फैसला ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा देने के लिए लिया है। 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की घोषणा की थी।

महाराष्ट्र के 63वें स्थापना दिवस (Maharashtra Foundation Day) के अवसर पर हुतात्मा चौक पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि 1 मई को सिर्फ मजदूर दिवस ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस भी मनाया जाता है। दो भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात 1 मई को अपना स्थापना दिवस मनाते हैं। भारत की स्वतंत्रता के समय, दोनों राज्य बॉम्बे प्रदेश का हिस्सा थे। इस दिन, भारत के अलग महाराष्ट्र राज्य की स्थापना हुई थी।

अलग राज्य के लिए हुए कई आंदोलन
दरअसल मराठी और गुजराती भाषी लोग अपने लिए अलग राज्य की मांग कर रहे थे। इसके लिए प्रदेश भर में आंदोलन भी हो रहे थे। 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्य बनाए गए। इस अधिनियम के तहत कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्य बनाया गया, जबकि तेलुगु भाषी लोगों को आंध्र प्रदेश मिला। केरल और तमिलनाडु राज्य मलयालम और तमिल भाषियों के लिए बनाए गए थे। हालाँकि, मराठी और गुजरातियों के लिए कोई अलग राज्य नहीं था। इसको लेकर कई आंदोलन हुए।

पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों को उनके स्थापना दिवस की बधाई दी और उनकी समृद्धि और प्रगति की कामना की।

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