अब भी औरंगाबाद की ही समृद्धि, जानिये कैसे महामार्ग प्रशासन ने पकड़ी सरकार से अलग राह

छत्रपति संभाजी नगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) का नाम फरवरी 2023 में बदलने की सहमति मिली थी। लेकिन समृद्धि महामार्ग के बोर्ड अब भी औरंगाबाद का गुणगान कर रहे हैं।

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छत्रपति संभाजी नगर
छत्रपति संभाजी नगर नाम पड़ने के बाद भी समृद्धि महामार्ग पर औरंगाबाद का नाम

महाराष्ट्र के दो औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर उसे छत्रपति संभाजी नगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) कर दिया गया, लेकिन बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग पर अब भी औरंगाबाद की समृद्धि दिखती है। समृद्धि महामार्ग मुंबई से नागपुर को जोड़ने का प्रमुख तीव्र द्रुतगति मार्ग है। इस मार्ग पर जितनी भी पाटिये लगे हैं उन पर छत्रपति संभाजी नगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) के स्थान औरंगाबाद लिखा गया है। यह महाराष्ट्र की युति सरकार के निर्णय से अलग राह का सूचकी ही है।

बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग राज्य की राजधानी मुंबई और उपराजधानी नागपुर को जोड़ने का बड़ा माध्यम बन गया है। दो छोर पर बसे इन दोनों शहरों की दूरी सड़क मार्ग से तय करने में 16 घंटे का समय लगता था, जिसे समृद्धि महामार्ग के पूर्ण होने पर 8 घंटे में तय किया जा सकता है। इस महामार्ग को अत्याधुनिक तकनीकी से विकसित किया गया है लेकिन, विभिन्न स्थानों पर लगे बोर्ड में औरंगाबाद का उल्लेख महाराष्ट्र रोड विकास प्राधिकरण (MSRDC) की लापरवाही को दर्शाती है। इसके साथ ही यह राज्य सरकार के निर्णय की उपेक्षा से कम नहीं है।

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महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा सरकार ने पदभार ग्रहण करते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगाबाद जिले का नाम बदलने का औपचारिक कार्य किया। इसे केंद्र सरकार से भी अनुमति मिली और छत्रपति संभाजी नगर (Chhatrapati Sambhaji Nagar) के नामकरण के साथ औरंगजेब की याद दिलानेवाला औरंगाबाद इतिहास बन गया।

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