गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस काफी सतर्कता बरत रही है। इसके लिए सड़क के साथ ही सोशल मीडिया पर भी उसने पहरा लगा रखा है। इसी सतर्कता के मद्देनजर सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत और भड़काऊ सूचना फैलानेवाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट्स को बंद करने का आदेश जारी किया है।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किले में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों की चर्चा तेज हो गई है। किसान आंदोलन के दौरान कई मौकों पर खालिस्तानी झंडे को फहराए जाने से भी इस बारे में शक गहरा गया है।
पहले भी की गई थी 257 एकाउंट की पहचान
एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले भी 257 एकाउंट की पहचान कर उन्हें बंद करने का आदेश जारी किया गया था। उसके बाद फिर से जांच-पड़ताल के बाद 1178 ट्विटर्स की पहचान की गई है। इन्हें यह आदेश आईटी अधिनियम की धारा 69(ए ) के तहत दिया गया है। यह धारा सरकार को देश के लिए खतरा पैदा करनेवाले पोस्ट और एकाउंट के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देता है।
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सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए हैं कई कदम
आपको बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर सरकार और दिल्ली पुलिस ने कई कदम उठाए हैं। इसके लिए गाजीपुर सीमा पर जहां कंटीले तार लगाए गए हैं, वहीं सड़कों पर नुकीली कीलें लगाकर किसानों के दिल्ली प्रवेश को लगभग बंद कर दिया गया है।
नहीं हो सका था चक्का जाम
यही वजह है कि 6 फरवरी को किसान संगठनों द्वारा घोषित चक्का जाम आंदोलन दिल्ली में नहीं हो सका। हालात को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को दिल्ली में यह आंदोलन रद्द करने का ऐलान करना पड़ा। इसके साथ किसानों से मिलने पहुंचे विभिन्न विपक्षी पार्टियों के 15 सांसदो को भी बिना मिले ही वापस लौटना पड़ा था।
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