सांसद जी तो सस्पेंड हो गए! हंगामे पर हुई कार्रवाई, बोले हमारी आवाज नहीं दबा पाएंगे

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नई दिल्ली। संसद के ऊपरी सदन में कृषि क्षेत्र सुधार विधेयक पेश करने के बाद हंगामा करनेवाले माननीय सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि रविवार को सदन में इन सासंदों ने कृषि विधेयक का विरोध करते हुए राज्यसभा में रूल बुक फाड़ने से लेकर उपसभापति का माइक तोड़ने, मार्शल को पीटने कार्य किया था। जिसके बाद सभापति एम.वैंकेया नायडू ने नाराजगी व्यक्त करते हुए ये कार्रवाई की है। उधर विपक्ष के सांसदों ने कहा है कि, ये उनकी आवाज दबाने की साजिश है। इस तरह उनकी आवाज नहीं दबाई जा सकती।

ये हैं निलंबित सम्माननीय सांसद
डेरेक ओ ब्रायन तृणमूल कांग्रेस
डोला सेन तृणमूल कांग्रेस
संजय सिंह आम आदमी पार्टी
राजू सातव कांग्रेस
रिपुन बोरा कांग्रेस
सैयद नजीर हुसैन कांग्रेस
के.के रागेश सीपीआईएम
एलमरान करीम सीपीआई

क्यों मलिन हुई मर्यादा? 
राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान जब सदन की बैठक का समय विधेयक को पारित करने के लिए निर्धारित समय से आगे बढ़ा दिया गया तो हंगामा खड़ा हो गया। विपक्षी सदस्यों, का मानना था कि इस तरह का फैसला केवल सर्वसहमति से ही लिया जा सकता है और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने इकट्ठा हो गए। उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।
हंगामे के कारण कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संक्षेप में अपनी बात रखनी पड़ी तथा उप-सभापति हरिवंश ने विधेयकों को परित कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी। विपक्ष द्वारा व्यापक जांच पड़ताल के लिए लाये गए चार प्रस्तावों को ध्वनिमत से नकार दिया गया लेकिन कांग्रेस, तृणमूल, सीपीएम और द्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे पर मत विभाजन की मांग की। उप-सभापति हरिवंश ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा कि मत विभाजन तभी हो सकता है जब सदस्य अपनी सीट पर हों। तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आसन की ओर बढ़ते हुए नियम पुस्तिका उप-सभापति की ओर उछाल दी। सदन में खड़े मार्शलों ने इस कोशिश को नाकाम करते हुए उछाली गई पुस्तिका को रोक लिया। इस बीच माइक्रोफोन को भी उखाड़ने का प्रयास भी किया गया लेकिन मार्शलों ने ऐसा होने से रोक दिया।
डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा, जिन्होंने ओ’ब्रायन के साथ और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और सीपीएम सदस्य केके रागेश के साथ मिलकर विधेयकों को स्टैंडिंग कमेटी को भेजने का प्रस्ताव किया था, उन्होंने कागजात फाड़कर हवा में उछाल दिए।
उप-सभापति हरिवंश ने सदस्यों को अपने स्थानों पर वापस जाने और कोविड-19 के कारण आपस में दूरी बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखकर आसन के समीप नहीं आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने हंगामा थमता न देख पहले सदन की लाइव कार्यवाही के ऑडियो को बंद करवा दिया और फिर कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई ,तो विपक्षी दलों ने नारे लगाए लेकिन वे हरिवंश को ध्वनि मत से विधेयक को पारित करने के लिए रखने से रोक नहीं पाए विपक्षी दलों द्वारा लाये गये संशोधनों को खारिज करते हुए दोनों विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज
राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सांसदों के बर्ताव पर नाराजगी जताई। नायडू ने उप-सभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। नायडू ने कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था।

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