उघड दार देवाचा आता… आस्था पर रोक के विरोध में घंटानाद

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    मुंबई। मंदिर खोले जाने की याचिका भले ही न्यायालय ने ठुकरा दी हो लेकिन देवस्थानों को खोलने की मांग नहीं थमी है। अब शिर्डी साई बाबा संस्थान के ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार साई बाबा मंदिर खोलने का आदेश दे। जबकि दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी रंगने लगी है। भाजपा ने मंदिरों को खोलने की मांग के संबंध में घंटानाद करने का निर्णय किया है।
    राज्य में मंदिरों को बंद हुए छह महीने का समय बीत गया है। इस बीच कोरोना महामारी के लॉकडाउन से मदिरा बिक्री, समारोह आयोजन, दुकान सशर्त खुल गए हैं लेकिन मंदिर के पट अब भी बंद हैं। इससे मंदिरों पर आश्रित लोगों के समक्ष जीवनयापन की परेशानी खड़ी हो गई है। छोटे मंदिर में जहां पुजारियों और सेवादारों की आमदनी बंद है तो बड़े देवस्थानों में दर्शनार्थियों पर आधारित व्यवसाय ठप हैं। इसमें उदाहरण शिर्डी का ही लें तो वहां दुकानें, हॉटेल, समेत पूरा पर्यटन उद्योग ही बंद पड़ा है। जिसके कारण प्रतिदिन साई बाबा ट्रस्ट में आनेवाला चढ़ावा आना बंद हो गया है।

    एक दृष्टि शिर्डी के पर्यटन उद्योग पर….
    – कुल 1000 हॉटेल (लगभग) – 450 टू व थ्री स्टार हॉटेल – आवक प्रतिदिन एक लाख रुपए
    – कुल 350 रेस्टारेंट – इसमें से 100 उत्तम दर्जे के
    – प्रतिदिन 900 बसों का आगमन होता है
    – साई बाबा मंदिर से लगी सैकड़ों दुकानें – किराया प्रतिदिन 12 से 15 हजार रुपए
    – फूल और फल उत्पादन बिक्री के अभाव में बंद

    कुल नुकसान
    साई बाबा संस्थान
    – प्रतिदिन 1.5 करोड़ रुपए वार्षिक 300 करोड़ रुपए का टर्नओवर
    पर्यटन आधारित उद्योग
    – प्रतिदिन 10 करोड़ रुपए का नुकसान

    रोजगार
    शिर्डी पंचकोशी क्षेत्र के 21 गांवों के लोगों का रोजगार साई बाबा मंदिर से जुड़े पर्यटन उद्योग पर आधारित है। इसमें उद्योगों में नौकरी के साथ फूल, फल, प्रसाद, मूर्ति आदि के उत्पादक भी शामिल हैं। शिर्डी में दर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालू बड़ी संख्या में शनि शिंगणापुर, घृष्णेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन और पंचवटी, त्र्यंबकेश्वर दर्शन के लिए भी जाते हैं। जिससे यह एक कॉरिडोर हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। यह पूरा उद्योग ही छह माह से बंद है। जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगारी से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

    अब बस… मंदिर के लिए आंदोलन अटल
    साई बाबा मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोलने की मांग को लेकर यहां के ग्रामीण अब अड़ गए हैं। इसको लेकर एक बैठक भी मंगलवार को हुई। सूत्रों के अनुसार साई बाबा मंदिर संस्थान के पास प्रतिदिन तीन हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था है। जो सोशल डिस्टेंसिंग के पालन और सरकार की शर्तों के अनुसार भी संभव है। अब यदि राज्य सरकार मंदिर खोलने का आदेश देती है तो यहां के पर्यटन उद्योग और उससे जुड़े व्यवसाय भी शुरू हो जाएंगे। जिससे भुखमरी की कगार पर आए लोगों को रोजी-रोटी मिलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो शिर्डी के ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में भी हैं।

    रंग रही राजनीति भी
    मंदिर खोलने की मांग सांसद सुजय विखे पाटील और स्थानीय विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील ने भी की है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के आध्यात्मिक सेल ने भी 29 अगस्त को राज्यभर में घंटानाद आंदोलन का निर्णय किया है। इस मुद्दे पर शिर्डी के सभी पार्टियों को नेता करीब-करीब एकमत हैं। क्योंकि कोई भी इसका विरोध करके ग्रामीणों का कोपभाजन नहीं झेलना चाहता है।

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