केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में आम बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ वाले दर्शन में समावेशी विकास को अपनाया गया है। आम बजट में सात प्राथमिकताएं अपनाई गई हैं, जो एक-दूसरे की पूरक हैं और अमृत काल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करते हुए ‘सप्तर्षि’ की भांति कार्य करती हैं।
अध्यापकों के प्रशिक्षण पर बल देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नवोन्मेषी शिक्षा विज्ञान, पाठ्यचर्चा संव्यवहार, सतत पेशेवर विकास, डिटस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से अध्यापकों के प्रशिक्षण को पुनःपरिकल्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को जीवंत उत्कृष्ट संस्थानों के रूप में तैयार किया जाएगा।
बच्चों और किशोरों के लिए खास प्रावधान
-मंत्री ने बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय के स्थापना की घोषणा की, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकें।
-उन्होंने बताया कि राज्यों को उनके लिए पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर प्रत्यक्ष पुस्तकालय स्थापित करने और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुंच बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
-आगे उन्होंने यह भी बताया कि पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाना देने के लिए और महामारी के समय की अधिगम क्षति को पूरा करने के लिए, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, बाल पुस्तक न्यास तथा अन्य स्रोतों को इन प्रत्यक्ष पुस्तकालयों में क्षेत्रीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में पाठ्येतर विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराने और उनकी पुनःपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साक्षरता के क्षेत्र में कार्य करने वाले एनजीओ के साथ सहयोग भी इस पहल का हिस्सा होगा।
-वित्तीय समझ लाने के लिए सीतारमण ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र विनियामकों और संगठनों को इन पुस्तकालयों में उम्र के हिसाब से उपयुक्त पठन सामग्री देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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