उत्तर प्रदेशः अब आवारा पशुओं से मिलेगा छुटकारा! जानिये, क्या है योगी सरकार का प्लान

पशुपालन विभाग ने उच्च वंश वाले सांड़ों से भी बेहतर गोवंश उत्पादन के लिए वर्ष 2022 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत नि:शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की योजना शुरू की थी।

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उत्तर प्रदेश के पशुपालक यदि रायबरेली जिले के सलोन स्थित पशु प्रजनन केंद्र के सीमेन का इस्तेमाल अपनी गायों के लिए करें तो न सिर्फ गिर और साहिवाल नस्ल की बछिया पैदा होंगी, बल्कि आवारा पशुओं से छुटकारा भी मिल जाएगा। जिले में इसे अभियान के रूप में चलाया जा रहा है।

आवारा पशु बने हुए हैं समस्या
कम दुग्ध उत्पादन के कारण पशुपालक डेयरी उद्योग से जल्दी ही दूरी बना लेते हैं। वहीं, आवारा और छुट्टा पशु भी किसानों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इसको लेकर विपक्षी दल सरकार की पशुपालन नीति पर निशाना भी साधते हैं। हालांकि, इस समस्या से प्रदेश की जनता को जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। सरकार ने इसकी तोड़ ढूंढ निकाली है।

सेक्स सर्टेड सीमेन की व्यवस्था
पशुपालन विभाग ने उच्च वंश वाले सांड़ों से भी बेहतर गोवंश उत्पादन के लिए वर्ष 2022 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत नि:शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की योजना शुरू की थी। अब उससे भी आगे बढ़कर पशुपालकों के लिए सेक्स सर्टेड सीमेन की व्यवस्था की गई है। इसके जरिए 90 प्रतिशत गारंटी है कि गिर या साहिवाल ब्रीड की बछिया पैदा होंगी। इस योजना के तहत प्रति सीमेन सिर्फ सौ रुपये ही पशुपालकों से लिए जाते हैं। रायबरेली जिले के सलोन स्थित पशु प्रजनन केंद्र (एबीसी) से सीमेन लाकर के जिले के पशुपालकों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। पशुपालक विकास खंड मुख्यालयों पर स्थित पशु चिकित्सा केन्द्र पर अपनी गायों को ले जाकर सिर्फ सौ रुपये में सेक्स सर्टेड सीमेन डलवा सकते हैं। बुलाने पर पशु चिकित्सा केन्द्र के कर्मचारी घर पर आकर भी सीमेन डाल सकते हैं।

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यह है सरकार की योजना
मुख्य पशु चिकिसाधिकारी डा.ओमप्रकाश ने इस सम्बंध में कहा कि सेक्स सर्टेड सीमेन से गिर व साहिवाल नस्ल की बछिया ही गर्भ में आती हैं, जो अच्छी मात्रा में दूध देती हैं। उन्होंने कहा कि आवारा पशु कई बार परेशानी का सबब बनते हैं। इनसे भी छुटकारा मिलेगा। यह सीमेन उन्हीं पशुपालकों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिनकी गायों की इनाफ (इन्फॉर्मेशन नेटवर्क फार एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ) पोर्टल के जरिए पीले रंग के छल्ले की टैगिंग की गई रहेगी। यह एक प्रकार का पशुओं का आधार है। क्योंकि इसमें हर पशु की 12 अंकों की यूनिक आईडी बनती है। इसमें पशु की नस्ल, उम्र, लिंग,दुग्ध उत्पादन की क्षमता दर्ज होती है। एक मई से जिले में सेक्स सर्टेड सीमेन लगना शुरू हो चुका है। पशुपालक ई-गोपालन एप के जरिए अपने पशुओं से सम्बंधित सारी जानकारी देख सकते हैं।

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