कोरोना के कारण धीमी हो गई देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। तमाम तरह के लागू प्रतिबंध हटते ही लोग बाजार में खरीदारी के लिए उमड़ने लगे हैं। 2 नवंबर को धनतेरस पर भी लोगों ने जमकर खरीदारी की और देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार में लाने में अपना अहम योगदान दिया। इस दिन सोना ऑल द टाइम हाई से 8000 रुपए सस्ता होने का बाजार में पूरा-पूरा असर देखा गया।
कहां, कितना बिका सोना?
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने इस अवसर पर कहा कि आभूषण उद्योग कोरोना महामारी से उबरकर अब रफ्तार पकड़ने लगा है। धनतेरस पर देश में 75 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी हुई है। लगभग 15 टन सोने के गहनों की बिक्री हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में 1 हजार करोड़ रुपए, महाराष्ट्र् में लगभग 1.5 हजार करोड़ रुपए और उत्तर प्रदेश में 600 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। इसके साथ ही दक्षिण भारत में लगभग 2 हजार करोड़ की बिक्री हुई है।
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सोना खरीदने की परंपरा
हिंदू धर्म में दिवाली से पहले मनाए जाने वाले धनतेरस के त्योहार पर सोने के आभूषण और अन्य वस्तुएं खरीदने की संस्कृति और परंपरा है। इसे काफी शुभ माना जाता है। पिछले साल धनतेरस कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया था लेकिन इस बार कोरोना से राहत मिलने के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई है और लोगों ने जमकर खरीदारी कर बता दिया कि सोना आज भी लोगों की पहली पसंद है।
खास बातें
– धनतेरस को सोना सस्ता रहने से भी बिक्री बढ़ी
– इससे पहले सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 57 हजार रुपए था
– पिछले साल धनतेरस पर सोना का भाव 39 हजार 240 रपए प्रति 10 ग्राम था
– ऑफलाइन खरीदारी पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत बढ़ी
-दुकानों में उपभोक्ताओं की भीड़ देखी गई
– आगे भी मांग में उछाल की संभावना