मिथिला पंचांगः जानिये, कब है दिवाली, सूर्य ग्रहण और गोवर्धन पूजा

खगोल शास्त्र के अनुसार जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक सीध में आ जाते हैं तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं।

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प्रसिद्ध ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान सहरसा के संस्थापक ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा तथा मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार इस बार दीपावली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाई जायेगी। अगले दिन यानी 25 अक्टूबर मंगलवार को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। सामान्य तौर पर दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। परंतु इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को नही मनाकर 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

खगोल शास्त्र के अनुसार जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक सीध में आ जाते हैं तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है।चुंकि भारत में सूर्य ग्रहण मिथिला क्षेत्र के अनुसार संध्या 4.43 बजे से दिखाई देगा और संध्या 05.20 तक रहेगा।ऐसे में भारत में इसका सूतक काल सुबह 4.30 लगभग बजे से मान्य होगा।

सूर्य ग्रहण पर बरतें ये सावधानी
सूर्य ग्रहण में दूध या भंडार के अन्न पर कुश या तुलसी पत्र रखा जाये तो सूर्यग्रहण का बिलकुल असर नहीं होता है। साथ ही भजन – कीर्तन,जप किया जाय तो लाभप्रद होगा। लेकिन ध्यान रहें ईश्वर की मूर्ति का स्पर्श ना करें।

27 को भाई दूज का पर्व
सूर्यग्रहण ख़त्म होने के बाद गंगाजल से शुद्धि अनिवार्य है। दिवाली 24 अक्टूबर सोमवार को गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर मंगलवार की बजाय 26 अक्टूबर बुधवार को होगी और भाई दूज 27 अक्टूबर गुरुवार को मनाई जाएगी।

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