कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। चिकित्सा ऑक्सीजन की वर्तमान मांग को पूरा करने के साथ ही भविष्य में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसका उत्पादन काफी महत्वपूर्ण हो गया है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की परियोजना ‘प्रोजेक्ट ओ2 फॉर इंडिया’ यानी भारत में ऑक्सीजन परियोजना चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में हुई वृद्धि को पूरा करने के साथ ही भविष्य में इसकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ाएगी।
‘प्रोजेक्ट ओ2 फॉर इंडिया’ के तहत ऑक्सीजन का एक राष्ट्रीय कंसोर्टियम जिओलाइट्स जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल की राष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति, छोटे ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना, कंप्रेसर का विनिर्माण, अंतिम उत्पाद यानी ऑक्सीजन संयंत्र, कन्सेंट्रेटर एवं वेंटिलेटर आदि को सुनिश्चित करता है।
की जा रही है दीर्घकालिक तैयारी
यह कंसोर्टियम न केवल तात्कालिक या अल्पकालिक राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है, बल्कि यह दीर्घकालिक तैयारियों के लिहाज से विनिर्माण परिवेश को मजबूत करने के लिए भी काम कर रहा है। विशेषज्ञों की एक समिति भारतीय विनिर्माताओं, स्टार्ट-अप और एमएसएमई (फिक्की, एमईएसए आदि के साथ साझेदारी में) के पूल से महत्वपूर्ण उपकरण जैसे ऑक्सीजन संयंत्र, कन्सेंट्रेटर और वेंटिलेटर का मूल्यांकन कर रही है।
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इन कंपनियों की भागीदारी
विनिर्माण एवं आपूर्ति कंसोर्टियम में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई), सी-कैंप बेंगलूरु, आईआईटी कानपुर (आईआईटी-के), आईआईटी दिल्ली (आईआईटी-डी), आईआईटी बंबई (आईआईटी-बी), आईआईटी हैदराबाद (आईआईटी-एच), आईआईएसईआर भोपाल, वेंचर सेंटर पुणे और 40 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं।
मदद को आगे आए हैं कई संगठन
इस कंसोर्टियम ने यूएसएआईडी, एडवर्ड्स लाइफ साइंसेज फाउंडेशन, क्लाइमेट वर्क्स फाउंडेशन आदि संगठनों से सीएसआर/परोपकारी अनुदान प्राप्त करना शुरू कर दिया है। होप फाउंडेशन, अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, वॉलमार्ट, हिताची, बीएनपी परिबास और ईइन्फो चिप्स अपने सीएसआर प्रयासों के तहत कंसोर्टियम की मदद के लिए ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर और वीपीएसए/पीएसए संयंत्र खरीद रहे हैं। एनएमडीसी लिमिटेड ने इस कंसोर्टियम में निर्माताओं के लिए जिओलाइट जैसे कच्चे माल की खरीदारी के लिए रकम उपलब्ध कराने के लिए सहमति जताई है।