अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के विषय मेम महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। जिसमें भक्तों के लिए रामलला के दर्शन की तारीख भी शामिल है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव के अनुसार वर्ष 2024 की मकर संक्रांति से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। यह मंदिर वास्तु और सौंदर्य का अद्भुद प्रमाण होगा, जहां सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति को छुएंगी।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में बन रहे भव्य रामलला मंदिर में दर्शन करने की प्रतीक्षा हिंदुओं की लंबे काल से है। अब मकर संक्रांति 2024 की तारीख सामने आने से यह प्रतीक्षा एक सीमा में बंध गई है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर का निर्माणकार्य पचास प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके साथ ही यह मंदिर आपदाओं से जूझने में सक्षम है।
हजार वर्ष टिकेगा, जानिये कितने हैं स्तंभ और दरवाजे
राम मंदिर को भूकंप रोधी बनाया जा रहा है। इसके साथ ही यह सभी प्रकार के परिवर्तनों और आपदाओं से जूझने में सक्षम होगा, जो मंदिर की आयु को हजार वर्षों तक सुरक्षित बना देगा। इस मंदिर में कुल 12 दरवाजे हैं और 392 स्तंभ हैं।
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लोहे का उपयोग नहीं, रामलला की मूर्ति पर सूर्य किरण
मंदिर निर्माण में लोहे की क्षणों का उपयोग नहीं किया गया है। उसके स्थान पर कॉपर का उपयोग किया जा रहा है। मुख्य मंदिर का आकार 350*250 फुट का है। मंदिर के गर्भ गृह में 160 स्तंभ हैं, उसके प्रथम तल पर 82 स्तंभ हैं। गर्भ गृह में प्रवेश के लिए 12 प्रवेश द्वार हैं, जो सागौन की लकड़ी के बने हैं।
मंदिर का पूरा क्षेत्र 2.7 एकड़ में विस्तृत है, जिसमें राजस्थान के ग्रेनाइट का उपयोग किया गया है। परियोजना प्रबंधक जगदीश अफाले ने बताया कि, गर्भगृह के निर्माण में यह ध्यान दिया गया है कि, सूर्य की किरणें रामनवमी के दिन रामलला की मूर्ति पर पड़ें।
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