सऊदी अरब में एक बड़ा निर्णय लिया गया है। वहां मस्जिदों के लाउडस्पीकरों की अवाज की लिमिट तय करने का निर्णय लिया गया है। मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों की आवाज अब उनकी क्षमता के एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल सिर्फ अजान और इकामत के लिए किया जा सकेगा। इस निर्णय पर सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री ने कहा है कि लाउडस्पीकरों से अधिक शोर होने की काफी शिकयतें मिल रही थीं, इसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि सऊदी अरब लगातार उग्रवादी नीतियों को लागू कर रहा है। इससे पहले वहां महिलाओं को ड्राइविंग की मंजूरी दी गई है। उसके बाद मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने को लेकर निर्णय लिए जाने के बाद कट्टरपंथियों में नारजगी बढ़ सकती है।
नियम तोड़ने वाली मस्जिदों पर जुर्माना
बता दें कि किंगडम ने इससे पहले 2009 में भी ऐसा निर्णय लिया था, लेकिन विरोध होने के चलते उस पर अमल नहीं हो सका था। हालांकि इस बार सऊदी प्रशासन ने चेतावनी दी है कि लाउडस्पीकरों से तय लिमिट से ज्यादा आवाज होने पर मस्जिद प्रशासन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
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इसलिए लिया गया निर्णय
इस्लामिक अफेयर्स मिनिस्टर अब्दुल लतीफ अल शेख ने कहा कि नागरिकों की ओर से बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी होने की शिकायत मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग खुदा की इबादत करना चाहते हैं, उन्हें इमाम की ओर से अजान का इंतजार करने की जरुरत नहीं है।
उदारवादी नीति पर अमल
सऊदी में दशकों पुराने रिवाजों को बदलने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। वहां जहां महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई है, वहीं सिनेमा घरों के संचालन की भी मंजूरी दी गई है। वहां प्लान 2030 के तहत क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उदारवादी नीतियों को लागू करने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि कच्चे तेल के कारोबार में गिरावट के बीच भी सऊदी इकॉनोमी को मजबूत बनाने के लिए इस तरह के सुधार जरुरी हैं।
यहां बैन हैं लाउडस्पीकर
बता दें कि नाइजीरिया के लागोस शहर, नीदरलैंड, जर्मनी, स्विटजरलैंड, नॉर्वे, बेल्जियम, फ्रांस, यूके और ऑस्ट्रिया में मस्जिदों में लाउड स्पीकर पर पाबंदी है। यहां रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 2016 से इजरायल में भी यह बैन लागू किया गया है।