कोरोना की दूसरी लहर में पिछले करीब एक महीने से नए मामलों में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन 8 जुलाई को एक बार नए केस बढ़ जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। यह आंकड़ा पिछले 55 दिन बाद स्वस्थ होनेवाले मरीजों से ज्यादा 45,892 है। पिछले 24 घंटों में स्वस्थ होने वालों की संख्या 44,291 है। जबकि पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से 817 लोगों की मौत हो गई है। इसका कारण लोगों की लापरवाही है।
कोरोना के मामले कम हो जाने के कारण देश के ज्यादातर राज्यों में प्रतिबंधों में काफी ढील दी गई है। इससे लोगों को ऐसा लगने लगा है कि अब कोरोना की विदाई हो गई है और उससे डरने और सावधान रहने की जरुरत नहीं है। लोगों की यह सोच काफी घातक साबित हो सकती है और कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकती है।
इसलिए आई दूसरी लहर
पहली लहर के समय देश की सरकारों और लोगों को इस वायरस के खतरे के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन जाते-जाते इसने अपने खतरनाक स्वभाव के साथ ही उससे बचाव के तौर-तरीकों से भी काफी हद तक अवगत करा दिया था, लेकिन संक्रमण कम होते ही लोग उसके खतरनाक स्वभाव को भूल गए और सावधानियां बरतनी कम या बंद कर दी। परिणामस्वरुप कोरोना की दूसरी लहर को फैलने का मौका मिल गया और उसका अंजाम एक और तबाही के रुप में हुआ।
तीसरी लहर से बचना जरुरी है
अब दूसरी लहर से राहत मिलनी शुरू हो गई है तो एक बार फिर लोग लापरवााह होने लगे हैं। देश और राज्यों की सरकारों के साथ ही लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए तथा कोरोना के सभी नियमों का पालन करते हुए ही प्रतिबंधों में दी गई ढील का लाभ उठाना चाहिए। उन्हें यह बात अच्छी तरह समझनी चाहिए कि कोरोना अभी भी देश के कई राज्यों में है और देश के सभी शहरों और जिलों में कम या ज्यादा संख्या में है। अवसर मिलते ही वह एक बार फिर अपना पांव पसारना शुरू कर देगा और तीसरी लहर आते देर नहीं लगेगी।
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दो अच्छी खबर
अच्छी बात यह है कि एक- दो दिन के आंकड़ों को छोड़ दें तो करीब एक महीने से लगातार नए मामलों के साथ ही मौत के आंकड़ों में भी कमी आई है। इसके साथ ही टीकाकरण भी युद्ध स्तर पर जारी है।
दो बुरी खबर
दो अच्छी खबरों के बीच दो बुरी खबरें भी हैं। पहली- 8 जून को कोरोना के जो आंकड़े आए हैं, वे काफी ज्यादा 45,892 हैं और दूसरी- देश के 8 राज्यों में अभी भी कोरोना संक्रमण का दर काफी अधिक है। इस कारण केंद्र सरकार ने उन राज्यों को अलर्ट रहने के साथ ही कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इन राज्यों को पत्र लिखा है।
ये 8 राज्य बढ़ा रहे हैं चिंता
जिन राज्यों में संक्रमण दर अभी भी बढ़ा हुआ है, उनमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, मेघायलय, ओडिशा, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं। इनमें ज्यादातर पूर्वोत्तर राज्य हैं। जबकि केरल ऐसा राज्य है, जहां पहली लहर में बेहतरीन प्रबंधन के कारण कोरोना का संक्रमण काफी कम हुआ था। लेकिन फिलहाल इस प्रदेश में भी संक्रमण काफी बढ़ा हुआ है। महाराष्ट्र और केरल देश के ऐसे राज्य हैं, जहां कोरोना का प्रभाव ज्यादा रहा है।
तीसरी लहर का खतरा
बता दें कि देश में कोरोना के नए वैरिएंट अल्फा प्लस का खतरा अभी भी बना हुआ है और साथ ही तीसरी लहर आने का खतरा भी बरकरार है। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आ सकती है। इसके साथ ही सितंबर में यह लहर पीक पर पहुंच सकती है। एसबीआई के रिसर्च में दावा किया गया है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर पहुंच गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर जुलाई के दूसरे सप्ताह में दस्तक दे सकती है। एसबीआई की रिपोर्ट एक अनुमानभारतीय स्टेट बैंक की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आ सकती है। इसके साथ सितंबर में यह लहर पीक पर पहुंच सकती है।
आप टाल सकते हैं खतरा
ये तमाम तरह की रिपोर्ट एक अनुमान के आलावा कुछ नहीं हैं। देश के लोग चाहें तो तमाम तरह की तीसरी और चौथी लहर के अनुमान को खारिज कर अपने साथ ही अपने परिवार, दोस्त-यार, समाज, राज्य और देश को इन लहरों से बचा सकते हैं। इसके लिए किसी को बड़ा त्याग करने या कष्ट उठाने की जरुरत नहीं है, बस कोरोना के जो दिशानिर्देश हैं, उनपर अमल करना है।