ईंधन के बढ़ते दाम और प्रदूषण के कारण देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार और ऑटोमोबाइल कंपनियां तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। इसी क्रम में नीति आयोग ने 12 अगस्त को राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग नेटवर्क स्थापित करने की दिशा में नीति और मानदंड तय करने के लिए मार्गदर्शन हेतु एक पुस्तिका जारी की। इसका उद्देश्य चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना और देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में तेजी से बदलाव लाना है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग के आधारभूत ढांचे को स्थापित करने के लिए इस हैंडबुक को संयुक्त रूप से नीति आयोग, विद्युत मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट इंडिया द्वारा तैयार किया गया है।
मिलेगा बुनियादी जानकारी
यह हैंडबुक उन संबंधित अधिकारियों और अन्य हितधारकों के लिए एक व्यवस्थित और समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना, प्राधिकरण और निष्पादन से जुड़े हुए हैं। यह ईवी चार्जिंग की सुविधा के लिए आवश्यक तकनीकी और नियामक ढांचे के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यह ईवी क्षेत्र के उभरते स्वरूप पर विचार करते हुए बुनियादी ढांचे के विकास की वर्तमान जरूरतों पर आधारित है।
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बचेगा ईंधन, रुकेगा प्रदूषण
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने की प्रक्रिया में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई वैश्विक रणनीति का एक हिस्सा है, जिस पर भारत ने महत्वाकांक्षी आकांक्षाएं व्यक्त की हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, “हैंडबुक ईवी चार्जिंग नेटवर्क को लागू करने में जिन चुनौतियों का सामना विभिन्न स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, यह पुस्तक उनका समाधान करती है। यह राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक शुरुआती बिंदु के रूप में कार्य करती है।“
कई कंपनियां ले रही हैं दिलचस्पी
अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग ने कहा, “भारत में ईवी का बुनियादी ढांचा तेजी से विकसित हो रहा है और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बाजार में कई खिलाड़ी प्रवेश कर रहे हैं। यह पुस्तिका सार्वजनिक और निजी हितधारकों को मजबूत और सुलभ ईवी चार्जिंग नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक साथ काम करने में ताकत प्रदान करेगी।”