डायबिटीज यानी मधुमेह को साइलेंट किलर बीमारी के रुप में जाना जाता है। इसका कारण यह है कि इसके लक्षण शरीर में काफी दिनों बाद दिखते हैं। तब तक यह रोग शरीर में घर कर चुका होता हैऔर हम इस बीमारी के साथ जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं। दवा और परहेज के बावजूद यह धीरे-धीरे हमारे आंख व गुर्दे के साथ ही शरीर के हाथ-पांव जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी किसी न किसी रुप में प्रभावित करते रहती है। इसका भयावह रुप आंखों की रोशनी कम होने से लेकर किडनी फेल्योर और मौत तक होने तक में देखा जाता है। हालांकि बीमारी को शरीर को इस हद तक खोखला करने में लंबा समय लग सकता है, लेकिन यह धीरे-धीरे और चुपके-चुपके अपना काम करते रहती है।
व्यायाम करें, डायबिटीज से बचें
मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबासिंह चहल ने इस बीमारी की गभंभीरता को देखते हुए लोगों से व्यायाम कर इससे बचने की सलाह दी है। उन्होंने इस बारे में कहा है कि हर दिन व्यायाम करें, संतुलित भोजन करें और इसे दूर रखें। विश्व मदुमेह दिवस( 14 नवंबर) के मौके पर उन्होंने लोगों को यह सलहा देते हुए कहा कि मैं पिछले 30 वर्षों से लगातार व्यायाम करता हूं। इस वजह से मधुमेह के साथ ही अन्य तरह की बीमारियों को दूर रहते हुए स्वस्थ्य जीवन बिताता हूं।
विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर बीएमसी ने ‘मधुमेह नियंत्रित, रहें सुरक्षित’ नाम से मुहिम शुरू की है। इस मुहिम के अंतर्गत अगले एक महीने तक महानगर में मधुमेह को लेकर ज-जागरण चलाया जाएगा। इसके तहत लोगों को विभिन्न तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके को बताया जाएगा।
कोरोना ऐसे लोगों के लिए जानलेवा
- जिनकी उम्र 60 से ऊपर है
- जो हृदय रोगी हैं
- जो कैंसर,किडनी और हाइपरटेंशन के मरीज हैं
- जो डायबिटीज की चपेट में हैं
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देश में 7.7 करोड़ मधुमेह रोगी
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन( आईडीएफ) के आंकड़े के अनुसार भारत में वर्तमान में 7.7 करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं। 2045 तक यह आंकड़ा दोगुना हो जाने का अनुमान है। आईसीएमआर-आईएनडीआईएबी के सर्वेक्षण के अनुसार मुंबई में इसका प्रतिशत 10.90 है, जबकिऐसे लोग जिनमें मधुमहे प्रारंभिक दौर में है, उनका प्रतिशत 15 हैं। यह आंकड़ा देश के मधुमेह रोगियों की अनुपात में ज्यादा है।अब तक के रिसर्च से पता चला है कि 80 प्रतिशत मधुमेह की बीमारी को लाइफ्टाइल में बदलाव लाकर नियंत्रित किया जा सकता है।
मधुमेह रोगियों को कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक
फिलहाल देश में करीब 9 महीने से कोरोना का तांडव चल रहा है। इसकी चपेट में आकर अब तक देश-दुनिया में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब तक के रिसर्च में जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके मुताबिक हृदय और मधुमेह रोगियों में इसका संक्रमण बहुत तेजी से होता है और ऐसे लोगों की जान जाने का खतरा भी अधिक होता है। अबतक जितने भी लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, उनमें से ज्यादतर लोग बजुर्ग या हृदय रोगी या मधमेह से ग्रस्त थे।
क्यों मनाया जाता है मधुमेह दिवस?
14 नवंबर को फ्रेडरिक ग्रांट बेटिंग का जन्म दिन मनाया जाता है। इन्होंने कनाडा के टोरंटो शहर में चार्ल्स हर्बर्ट बेस्ट के साथ मिलकर 1921 में इंसुलिन की खोज की थी। इसकी खोज के कारण दुनिया के करोड़ों मधुमेह रोगियों को जीवन दान मिला था। आज भी मधुमेह रोगियों के लिए इसकी उपयोगिता काफी अधिक है। इस वजह से उनके जन्म दिन को इंटरनेशनल डायबिटीज डे के रुप में मनाया जाता है। इसके तहत लोगों को इस बीमारी की गंभीरता, रोकथाम तथा उपचार के बारे में बताया जाता है।
डायबिटीज के लक्षण
अधिक भूख लगना, अधिक नींद आना, प्यास ज्यादा लगना, पेशाब ज्यादा लगना, किसी घाव को भरने में ज्यादा समय लगना,कम दिखाई देना, वजन घटना, शरीर के कुछ भागों का सुन्न होना या झिनझिनी महसूस होना, जल्दी थक जाना
क्या हैं कारण?
- डायबिटीज को एक अनुवांशिक रोग माना जाता है। यानी अगर किसी के माता-पिता को डायबिटीज है, तो उनके बच्चों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।
- जंक फूड या फास्ट फूड खाने वाले लोगों में इस बीमारी की संभावना अधिक पाई जाती है, क्योंकि इस तरह के फूड खानेवाले लोगों में वसा ज्यादा पाया जाता है। इससे शरीर में कैलेरीज की मात्रा जरुरत से अधिक बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ जाता है। इस कारण इंसुलिन उस मात्रा में नहीं बन पाचा और शरीर में शुगर लेवल में वृद्धि हो जाती है।
बचने के उपाय
वैसे तो इसे अनुवांशिक बीमारी माना जाता है, लेकिन व्यायाम, व्यवस्थित जीवन और खान-पान से इससे बचा जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में 70 प्रतिशत लोगों को डायबिटीज का कारण तनाव और चिंता है। इससे बचने के लिए हर दिन आधा से एक घंटे तक व्यायाम काफी कारगर साबित हो सकता है। इससे हमारे शरीर की सभी क्रियाएं जहां व्यवस्थित रहती हैं, वहीं हम तनाव मुक्त भी रहते हैं। व्यायाम से डायबिटीज के साथ ही अन्य तरह की बीमारियों से भी दूर रहा जा सकता है।
खास बातें
- भारत में हर सातवीं मौत डायबिटीज के कारण
- हर वर्ष करीब 10 लाख लोगों की मौत