देश का सबसे कठिन चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ 8 नवंबर से प्रारंभ हो गया है। इसी के साथ पर्व की तैयारी पूरी हो गई है। घाटों की सफाई के साथ ही प्रसाद बनाने के लिए गेहूं चुनने और सुखाने का काम भी पूरा हो गया है। व्रतियों के घरों के साथ ही नदी और सागर के घाटों तक उत्सव का माहौल है। बाजार में इस महपर्व के लिए जरुरी सामग्री उपलब्ध हैं और व्रती इनकी जोरदार खरीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही हर तरफ छठी मैया के गीत सुने जा रहे हैं।
कद्दू का बढ़ा भाव
नहाय-खाय के दिन( 8 नवंबर) व्रती कद्दू-भात का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस कारण 7 नवंबर को कद्दू का भाव बढ़ गया। मिली जानकारी के अनुसार सब्जी बाजार में कद्दू का भाव पांच गुना बढ़ गया। दिल्ली के अलग-अलग इलाके में इसका भाव अलग-अलग रहा।
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शुभ मुहूर्त
सूर्योदय के अर्ध्य का समयः 6-34 बजे
खरना का समयः सायं 5-45 से 6.25 तक
सायंकालीन अर्ध्यः 4.30 से 5.26 बजे तक
पूजा सामग्री
-प्रसाद के लिए बांस की दो टोकरी
-बांस या पीतल का सूप
-दूध-जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा और थाली
-5 गन्ना, शकरकंदी और सुथनी
-पान, सुपारी, हल्दी, बड़ा मीठा नींबू
-मूली और अदरक का हरा पौधा
-शरीफा, केला और नाशपाती
-पानी वाला नारियल
-मिठाई, गुड़, चावल और आटे से बना ठेकुआ
-चावल, सिंदूर, दीपकष सहद और धूप
-नए वस्त्र