मुंबईकरों के लिए खुशखबरी! तानसा, मोडक सागर लबालब तो अन्य झीलों का ये है हाल

मुंबई को पानी आपूर्ति करनेवाली सात झीलों में से तानसा और मोडक सागर पूरी तरह  भर गई हैं। 22 जुलाई की सुबह ये दोनों झीलें भर गईं और पानी बाहर बहने लगा।

165

मुंबई और इसके आसपास के उपनगरों को पूरे वर्ष पानी आपूर्ति करने वाली सातों झीलों का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण लोगों के साथ ही महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की भी पीने के पानी को लेकर चिंता कम होने लगी है।

इन झीलों में से तानसा और मोडक सागर पूरी तरह  भर गई हैं। 22 जुलाई की सुबह ये दोनों झीलें भर गईं और पानी बाहर बहने लगा। इसके साथ दूसरी झीलों का भी जलस्तर 50 प्रतिशतत से अधिक हो जाने से मुंबईकरों की पानी को लेकर चिंता कम हो गई है। अब तक झीलों में मौजूद पानी से मुंबई और इसके उपनगरों में अगले छह महीने तक पानी आपूर्ती की जा सकती है।

पिछले साल था ऐसा हाल
बता दें कि पिछले साल 20 अगस्त को झीलें ओवरफ्लो हुई थीं। इससे पहले 2019 में 25 जुलाई को झीलें ओवरफ्लो हुई थीं जबकि वर्ष 2018 में 17 जुलाई को, वर्ष 2017 में 18 जुलाई को और वर्ष 2016 में 2 अगस्त को झीलें भरकर बहने लगी थीं।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्रः नासिक-कसारा के बीच ट्रैक पर खिसका चट्टान,कई ट्रेनें रद्द

अब मध्य वैतरणा और भातसा की बारी
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले 7 झीलों की कुल भंडारण क्षमता लगभग साढ़े चौदह लाख मिलियन लीटर है। इससे पहले 16 जुलाई को तुलसी झील भर गई थी, जबकि अगले दिन विहार झील भी भर गई थी। उसके बाद, बड़ी झीलों में से एक तानसा झील भर गई और अब मोडक झील भी भर गई है। 22 जुलाई की सुबह इनके दो गेट खोल दिए गए। तानसा और मोडक सागर के भरने के बाद मध्य वैतरणा तथा भातसा के भी जल्द ही भरने की संभावना है।

क्षमता का 53.86 प्रतिशत पानी जमा
इन झीलों में कुल जल भंडारण क्षमता का 53.86 प्रतिशत पानी जमा हो गया है। जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है। पिछले साल 22 जुलाई तक सभी झीलों और तालाबों में मात्र 28.77 प्रतिशत जल संग्रहण हुआ था।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.