कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। इस बार आयुष्मान, सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग के बीच गोवर्धन पूजा की जाएगी, जो सुख-समृद्धि दायक होगी। ये तीनों योग ही दिनभर रहेंगे। इस बार सूर्य ग्रहण के चलते करीब 150 सालों के बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा नहीं होकर बुधवार को गोवर्धन पूजा हो रही है।
पूजा और शुभ मुहूर्त
-ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव गौड़ ने बताया कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा की जाती है। इस बार को आयुष्मान, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग के बीच गोवर्धन पूजा की जाएगी। आयुष्मान योग सूर्याेदय के साथ सुबह 6 बजकर 36 मिनट से शुरू होगा,जो रात 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इस बीच गोवर्धन पूजा शुभ फलदाय होगी। आयुष्मान योग के बाद सौभाग्य योग भी बन रहा है। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। यह दोनों योग दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू हो जाएंगे,जो रात 9 बजकर 23 मिनट तक रहेंगे। इस बीच गोवर्धन पूजा विशेष फलदायक होगी। गोवर्धन पूजा द्वापर युग से होती आई है। द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने इन्द्रदेव के घमंड को तोड़कर उनके प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा की। तब से गोवर्धन पूजा की जाती है। पूजा में अन्नकूट प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इस दिन गाय के बछड़े की पूजा होती है, भगवान कृष्ण गोपालक थे, इसलिए गाय के गोबर से ही गोवर्धन बनाना चाहिए।
-ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव गौड़ ने बताया कि गोवर्धन पूजा अमृत का चौघडिया सुबह 6 बजकर 36 मिनट से 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। वहीं शुभ का चौघडिया सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। वहीं चर का चौघड़िया दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शाम 4 बजकर 22 मिनट तक तो लाभ का चौघड़िया शाम 4 बजकर 22 मिनट से 5.45 बजे तक और शुभ व अमृत का चौघड़िया रात 8 बजे से 10 बजकर 30 बजे तक रहेगा।
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