हार्टफुलनेस समूह ने कोविड-19 के तनाव से मुक्ति और सटीक सलाह उपलब्ध कराने के लिए एक ऐप लेकर आया है जिसका नाम ‘हेल्थकेयर बाई हार्टफुलनेस’ है। इसके माध्यम से लोग ‘वॉइस दैट केयर्स’ नामक हेल्पलाइन के साथ कनेक्ट होंगे और उन्हें निःशुल्क सलाह मिल पाएगी।
हार्टफुलनेस संस्थान की इस सेवा को 1500 से अधिक प्रशिक्षकों और पेशेवर चिकित्सक संचालित करते हैं| ‘हेल्थकेयर बाई हार्टफुलनेस’ का लोकार्पण भारत बायोटेक इंटरनेशनल की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला एवं हार्टफुलनेस मार्गदर्शक कमलेश पटेल (दाजी) ने किया।
ये भी पढ़ें – अब शिवसेना के शेवाले भी ख्वाजा के हवाले… लिखा इसलिए नाम दे दो
कम होगा दबाव
इस सेवा को शुरू करने के पीछे उद्देश्य है कि, इस कठिन समय में टेली-चिकित्सा के माध्यम से लोगों को समय पर सहायता के साथ सही चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराना गै। यह डॉक्टरी परामर्श पाने की कठिनाइयों को भी कम करेगा। डॉक्टरों द्वारा टेलीफोन पर परामर्श दिये जाने से वर्तमान कोविड 19 संक्रमण की दूसरी लहर में स्वास्थ्य-तंत्र पर पड़नेवाला अतिरिक्त भार कम हो पाएगा।
हेल्थकेयर बाई हार्टफुलनेस ऐप से पीड़ित व्यक्ति या उसके परिजन निःशुल्क सलाह प्राप्त कर सकते हैं। ऐप के माध्यम से डॉक्टरी परामर्श मांगने के बाद रोगी को प्रतीक्षा-पंक्ति के अनुसार सहायता की जाती है। जब रोगी की बारी आती है तो उसे स्वास्थ्य कर्मी का फोन आता है और वह अपनी समस्या को बताकर सलाह ले सकता है। रोगियों को अंगेज्री के अलावा अन्य भाषाओं में भी सलाह दी जाती है।
“मैं इस पहल का हिस्सा बनकर सम्मानित एवं आभारी महसूस कर रही हूं। मैं हार्टफुलनेस संस्था एवं इसके स्वयंसेवकों की सराहना करती हूं जिन्होंने इसे संभव बनाया।”
सुचित्रा इला, संयुक्त प्रबंध निदेशक -भारत बायोटेक इंटरनेशनल
सन्देश भेजने की सुविधा
रोगी स्वास्थ्य कर्मी को सन्देश भेज सकता है और अपने प्रिस्क्रिप्शन का विवरण देख सकता है। अभी पहले चरण में यह ऐप 1000 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सा विशेषज्ञों के पैनल के साथ परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराता है|
इस पहल के बारे में बताते हुए हार्टफुलनेस के वैश्विक मार्गदर्शक श्री कमलेश डी पटेल, जिन्हें दाजी के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा, “हार्टफुलनेस में हम समाज को मजबूत बनाने हेतु हमेशा संकल्पित है। मानवता को साधनों और चिकित्सकीय सलाह के सम्बन्ध में आज हमारे सहयोग की जरूरत है। मैं सभी हार्टफुलनेस स्वयंसेवकों एवं चिकित्सकीय पेशेवरों का आभारी हूं, जिन्होंने इस पहल को संभव बनाया।”