होलिका दहन और रंगों से धर्म की नगरी भी सराबोर रही। इस बीच कोविड-19 के संक्रमण का भी ध्यान रखा गया था और भीड़ न इकट्ठा हो इसलिए सीमित लोगों को प्रवेश दिया गया था। प्रस्तुत है उज्जैन से श्री महाकाल की गुलाल होली।
महाकाल के दरबार में आस्था का गुलाल
जोर से बोलो #जय_महाकाल#होलिका_दहन_की_हार्दिक_शुभकामनाएं#होली_की_हार्दिक_शुभकामनाएंफिर से आग्रह होली खूब मनाए, पर प्लीज घर से बाहर ना जाए #मेरी_होली_मेरे_घर @ChouhanShivraj @KailashOnline @vdsharmabjp @BJP4MP
@Bjp4IndoreMP pic.twitter.com/5GvFiaJLEZ— रमेश मेंदोला (@Ramesh_Mendola) March 28, 2021
इसी प्रकार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी सप्तर्षी आरती में बाबा श्री काशी विश्वनाथ को गुलाल अर्पण किया गया।
आज दिनाँक 28-03-2021 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सप्तऋषि /संध्या आरती के दर्शन।#ShriKashiVishwanath #Shiv #Mahadev #Baba #SaptRishiAarti #SandhyaAarti #Temple #Trust #Nyas #darshan #blessings #Jyotirlinga #Varanasi #Kashi pic.twitter.com/lyy1FIX8Bc
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) March 28, 2021
श्री बांके बिहारी मंदिर, मथुरा में होली उत्सव की शुरुआत हो गई है। 25 मार्च को एकादशी के दिन फूलों की होली से इसकी शुरुआत हुई है। रविवार को होलिका दहन और सोमवार को धुलेंडी है।
अद्भुत, अद्वितीय और दिव्य बरसाना का नवनिर्मित कीर्ति मंदिर. राधारानी की माता जी, कीर्ति को समर्पित यह मंदिर वास्तु कला का बेजोड़ नमूना है. रात में रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग इस मंदिर की आभा एक अलग ही दिव्यता और प्रसन्नता बिखेरती है.
राधे-राधे🙏#rangotsav2021 pic.twitter.com/eAOwFbITxi— Rakesh Tiwari IFS (@RakeshTiwariIFS) March 27, 2021
श्री बिहारी जी महाराज की आज(25 march एकादशी) की फूलों की होली के सुंदर दर्शन pic.twitter.com/wU1YIrjiMF
— Banke Bihari Mandir (@ShriBihariji) March 25, 2021
मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में पुष्प होली खेली गई। श्रीकृष्ण और राधे संग भक्तों ने अपनी आस्था से सराबोर होलिका का रसपान किया।
https://twitter.com/Im_RRSingh/status/1376207626921410565
उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में होली सप्ताह भर पहले से ही प्रारंभ हो जाती हैै। ब्रज क्षेत्र के मथुरा, वृंदावन,बरसाना, नंदगांव, गोकुल में होली का अद्भुत रंग और संस्कृति देखने को मिलती है। बरसाना के राधा रानी मंदिर में 22 मार्च को लड्डू होली मनाई गई। इसके अगले दिन दिनांक 23 मार्च को बरसाना की रंगीली गलियों में सैकड़ों राधा अपने मोहन पर लट्ठमार की बौछार करती दिखीं।
#WATCH Women beat men with sticks as part of 'Lathmar Holi' celebrations in Barsana, Mathura district, earlier today pic.twitter.com/ouYDkoIZgF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2021
ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने राधा के साथ तेसू के फूलों से होली खेला था। इस प्रथा का पालन आज भी वृंदावन और संपूर्ण ब्रृज के मंदिरों में होता है जब तेसू के फूलों के सुखाकर निर्मित केसरिया, पीले रंगों से भक्त सराबोर होकर होली खेलते हैं।
It is believed that Krishna played Holi with Radha using colors made from Tesu flowers. Even today many of the Mandirs in Vrindavan, Braj area and Mathura play Holi with traditional yellowish-orange coloured water extracted from dried Tesu Flowers. pic.twitter.com/h4nJxOYEFp
— Jaya_Upadhyaya (@Jayalko1) March 28, 2021
भगवान के जन्म के बाद मां देवकी ने जिस पोतरा कुंड में वस्त्र और उपवस्त्र धोए थे वह कुंड भी विभिन्न रंगों की लाइट से नहाया हुआ है।
भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट बेहद उत्कृष्ट स्थापत्य कला से निर्मित 'पोतरा' कुंड स्थित है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होने के बाद उनकी मां देवकी ने भगवान के वस्त्र-उपवस्त्र इसी कुंड में धोए थे। इसलिए इस विशाल कुंड को अति पवित्र माना जाता है।#Rangotsav2021 pic.twitter.com/7CINVZ9Zt1
— Rakesh Tiwari IFS (@RakeshTiwariIFS) March 25, 2021
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