दक्षिण अंदमान और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र अपना रंग दिखाने लगा है। इसके रविवार तक तीव्रता धारण करने का अनुमान है। इसका प्रभाव पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में अधिक रहेगा। इसे देखते हुए सुरक्षा और राहत प्रदान करनेवाली एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है।
बंगाल की खाड़ी और अंदमान के पास निर्मित कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम उत्तर पश्चिम की ओर आगे बढ़ रहा है। जो 10 मई से 13 मई के आसपास लैंडफाल करेगा। इससे पश्चिम बंगाल और ओडिशा के 18 तटीय जिलों में चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 12 घंटे में कम दबाव का क्षेत्र अधिक सक्रिय हो जाएगा। जिससे बंगोप सागर में तेज बारिश शुरू हो सकती है। इसके साथ ही 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलेंगी। मछुआरों को अगले चार दिनों तक समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। ओडिशा के कुछ क्षेत्रों में वज्रपात भी हो सकता है।
A Low Pressure Area lies over South Andaman Sea & adjoining Southeast BoB at 0830 hours IST of today, .To move northwestwards and intensify into a Depression over southeast Bay of Bengal by 7th May evening and into a Cyclonic Storm over eastcentral BoB by 8th May evening pic.twitter.com/37GFGOH4Bt
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 6, 2022
पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। 10 मई के बाद आंधी तूफान का प्रकोप बढ़ने का आनुमान है। एक अनुमान यह भी है कि, यह तूफान मुड़कर बांग्लादेश की ओर भी जा सकता है। इसके अलावा यह उत्तर पस्चिमी क्षेत्र की सूखी हवाओं के प्रभाव से कमजोर भी पड़ सकता है।
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उड़ीसा सज्ज
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना के अनुसार राज्य के मलकानगिरी से मयूरभंज के 18 जिलों के जिलाधिकारियों को सज्ज रहने का निर्देश दे दिया गया है। चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए 17 एनडीआरएफ, 20 ओडीआरएफ, 175 अग्निशमन सेवा दलों को तैयार रहने को कहा गया है। इसके साथ ही कच्चे मकानों में रहनेवाले लोगों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है। ओडिशा प्रशासन के अनुसार आसनी चक्रवात का संभावित लैंडफॉल वहां हो सकता है।