कोविड-19 महामारी के दौर में लोगों ने परिस्थिति के अनुकूल खुद को ढ़ाल लिया है, हालांकि वर्क-फ्रॉम होम और ऑनलाइन वर्चुअल एजुकेशन की वजह से वयस्क और बच्चे दोनों में अधिक भोजन करने व स्ट्रेस ईटिंग से वजन बढ़ने की समस्याएं देखने को मिल रही हैं। कोविड के अनुभव ने अच्छे स्वास्थ्य, भोजन और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के महत्व को फिर से लोगों के सामने रखा है और इस तरह, घर पर ही स्वास्थ्य और उसकी निगरानी की भूमिका की अहमियत को रेखांकित किया है।
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मोटापा खतरनाक समस्या
⇒ 2010 से 2040 के बीच भारत में इसके तीन गुना होने की संभावना लगभग 30% आबादी के ओवरवेट होने का अनुमान
⇒ आईसीएमआर-इंडियाबी द्वारा 2015 में किए गए अध्ययनों में भारत में 135 मिलियन लोग मोटापे और वेट मैनेजमेंट से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे
⇒ दिसंबर 2020 में जारी 5वें राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, ज्यादातर महिलाएं मोटापे से संबंधित बीमारियों से जूझ रही ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या काफी बढ़ गई
इस गंभीर संकट से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर ओवरऑल वेलनेस की मॉनिटरिंग और प्रबंधन को लेकर काफी बातचीत हो रही है।
मोटापे से संबंधित समस्याओं का जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के साथ मजबूत संबंध है, जो हमारे हेल्थकेयर सिस्टम्स पर भारी बोझ डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रिवेंटिव हेल्थकेयर मैनेजमेंट समय की मांग है। हम में से अधिकांश लोग वेट मैनेजमेंट को अपने स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता को जांचने के लिए प्रमुख मानदंडों में से एक मानते हैं। हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है। बीएमआई, शरीर की उम्र, वसा प्रतिशत (चर्बी), मांस पेशियों आदि जैसे कई अन्य संकेतकों (इंडिकेटर्स) के माध्यम से हमारे शरीर के अंदर क्या चल रहा है, इस पर नजर रखना जरूरी है। इन इंडिकेटर्स को अब आसानी से घर पर भी नापा जा सकता है। बॉडी कंपोज़िशन मॉनिटर्स जैसे मॉनिटरिंग डिवाइस इसे संभव बनाते हैं।
मसानोरी मत्सुबारा, एमडी – ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया
बॉडी कंपोजिशन मॉनिटर्स का कार्य
मोटापे को बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) द्वारा निर्धारित किया जाता है, इससे शरीर में वसा (चर्बी) की मात्रा का पता चलाता है और यह स्वास्थ्य से संबंधित जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता का एक अच्छा इंडिकेटर है। भारत में 30 या उससे अधिक के बीएमआई वालों को मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है। 25-30 बीएमआई अधिक वजन होने का संकेत है। शरीर के अंदर पेट के चारों तरफ की, आंत की चर्बी, भी एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है। हाई बीएमआई और आंत की चर्बी दोनों ही दिल से जुड़ी समस्याओं, उच्च रक्तचाप, सांस लेने की समस्याओं इत्यादि के खतरे की ओर इशारा करते हैं। इन इंडिकेटर्स को समझना और कैसे मैनेज करना है, इसकी सही जानकारी, वजन और स्वास्थ्य प्रबंधन को ज्यादा प्रभावी बना सकती है। इसमें बॉडी कंपोजिशन मॉनिटर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ओमरॉन की उन्नत तकनीकी
ओमरॉन ने बॉडी कंपोजिशन मॉनिटर लॉन्च (पेश) किया है, जो यूजर्स को कुछ ही सेकंड में उनकी बीएमआई, आंत की वसा, कंकाल की मांसपेशियों और अन्य इंडिकेटर्स को मापकर उनके समग्र स्वास्थ्य को समझना आसान बनाते हैं। डिवाइस एक अनूठी, और इंडस्ट्री की अपनी तरह की पहली, जापानी फोर पॉइंट, आठ सेंसर-बेस्ड फुल बॉडी सेंसिंग टेक्नोलॉजी से लैस है और मशीन से एकत्रित डेटा को सीधे ओमरॉन कनेक्ट ऐप पर भेजने के लिए ब्लूटूथ कनेक्टिविटी की सुविधा भी देती हैं।
हेल्थकेयर में सुधार लक्ष्य
दुनिया भर के लोगों को स्वस्थ और आरामदायक जीवन का एहसास कराने में मदद करने के मिशन के साथ, ओमरॉन हेल्थकेयर लगातार उच्च गुणवत्ता वाले प्रॉडक्ट बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर मुहैया कराने की कोशिश में जुटा है। कंपनी, अपनी पेशकश के माध्यम से सभी एट-होम हेल्थ मैनेजमेंट को आसान और सुलभ बनाने का प्रयास कर रही है।
मोटापे का मीटर
⇒ डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 1975 के बाद से मोटापे की प्रवृत्ति में 3 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली
⇒ 2016 के आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र के 1.9 अरब से अधिक वयस्क ओवरवेट, उनमें से लगभग 650 मिलियन मोटापे से ग्रसित
⇒ 2020 के आंकड़ों के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 39 मिलियन बच्चे मोटापे का शिकार हैं।