विश्व में जैविक खाद्य उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका उत्पाद कोरोना काल में प्रभावित हुआ था लेकिन इन दिक्कतों को पीछे छोड़ देश ने निर्यात में बड़ी सफलता प्राप्त की है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात मूल्य (मिलियन अमेरिकी डॉलर) के लिहाज से 51 प्रतिशत बढ़कर 1,040 मिलियन अमेरिकी डॉलर (7,078 करोड़ रुपये) हो गया। यह बढ़ोतरी पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की तुलना में रही है।
इसी प्रकार वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात 39 प्रतिशत बढ़कर 8,88,179 मीट्रिक टन (एमटी) हो गया, जबकि 2019-20 में 6,38,998 एमटी का निर्यात हुआ था। जैविक उत्पादों में यह बढ़ोतरी कोविड-19 महामारी से पैदा ढुलाई और परिचालन चुनौतियों के बावजूद हासिल हुई है।
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इनका होता है निर्यातक
देश से होने वाले जैविक उत्पादों के निर्यात में ऑयल केक मील एक प्रमुख कमोडिटी रही है, उसके बाद तिलहन, फलों का गूदा और प्यूरी, अनाज और बाजरा, मसाले और चटनी, चाय, औषधीय उत्पाद, सूखे फल, चीनी, दाल, कॉफी, आवश्यक तेल आदि का नंबर आता है।
India’s organic food products exports rise by more than 50% in terms of value in 2020-21 despite #COVID19 challenges
In terms of quantity, the exports of organic food products grew by 39% to 888,179 metric tonne (MT) during FY 2020-21
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— PIB India (@PIB_India) April 27, 2021
इन देशों में होता है निर्यात
भारत के जैविक उत्पाद यूएसए, यूरोपीय संघ, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, इजरायल, दक्षिण कोरिया सहित 58 देशों को निर्यात किए गए हैं। एपिडा के चेयरमैन डॉ. एम अंगामुथु ने कहा कि विदेशी बाजारों में भारतीय जैविक उत्पादों, पौष्टिक औषधीय पदार्थों और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है।
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अतिरिक्त प्रमाणन की नहीं आवश्यकता
वर्तमान में भारत से जैविक उत्पादों का निर्यात उसी स्थिति में किया जाता है, जब उनका राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकिंग और लेबिलिंग की जाती है। एनपीओपी प्रमाणन को यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो भारत को बिना किसी अतिरिक्त प्रमाण पत्र के इन देशों को गैर प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात में सक्षम बनाते हैं। इसी प्रकार ईयू भारतीय जैविक उत्पादों को ब्रेग्जिट के बाद के चरण में यूनाइटेड किंगडम को निर्यात करने की भी सुविधा देता है।