कोयंबटूर की अम्मा सेवा और विश्वास की प्रतिमूर्ति हैं। लोग त्याग और सेवा के तरह-तरह के कहानी-किस्से सुनते-सुनाते हैं, जिनमें से कई को उन्होंने देखा भी नहीं होता, लेकिन इस इडली अम्मा की कहानी में कोई मिलावट नहीं है और न कोई कपोल कल्पना है। कमलाथल यानी इडली अम्मा को देखा जा सकता है, बातें की जा सकती हैं और उनके स्टॉल पर मात्र 1 रुपए में इडली भी खाया जा सकता है।
30 साल में सबकुछ बदल गया, लेकिन अम्मा नहीं बदलीं
ये अम्मा देश ही नहीं, दुनिया के लिए अपनी सेवा और त्याग से प्रेरणा की स्रोत बन सकती हैं। पिछले 30 साल में न जाने दुनिया कितनी बदल गई है और महंगाई भी जमीन से उठकर आसमान पर पहुंच गई है। हर कोई नफा-नुकसान का हिसाब कर रहा है लेकिन यह इडली अम्मा बिना कोई गुणा-भाग किए लगातार 1 रुपए में इडली खिलाकर न जाने कितनों का पेट भर रही हैं। मात्र 1 रुपया, जिसकी हैसियत छोटे बच्चे भी समझते हैं। इतने पैसे में शायद ही कोई खाने-पीने का सामान मिले, इस स्थिति में यह अम्मा लोगों को 1 रुपए में पेट भरकर कितना बड़ा त्याग और पुण्य का काम करती हैं, इसे समझना कोई मुश्किल काम नहीं है।
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अम्मा के जीवन में आनंद
अब मशहूर उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस इडली अम्मा को नया घर तथा कार्यालय देने की घोषणा की है। दरअस्ल इडली अम्मा के बारे में उन्होंने 2019 में ट्वीट कर जानकारी दी थी। उनके सेवा भाव से प्रभावित होकर तब इडली अम्मा को उन्होंने गैस कनेक्शन की सुविधा दिलाई थी। इसके साथ ही उन्होंने इडली अम्मा के बिजनेस में निवेश करने की भी इच्छा जताई थी।
🙏🏽 to the @MahindraRise team for understanding from Kamalathal how we can ‘invest’ in her business. She said her priority was a new home/workspace. Grateful to the Registration Office at Thondamuthur for helping us achieve our 1st milestone by speedily registering the land (2/3) pic.twitter.com/F6qKdHHD4w
— anand mahindra (@anandmahindra) April 2, 2021
मिल सकेगा सुख का एक टुकड़ा
इडली अम्मा वर्तमान में 85 वर्ष की हैं और इस उम्र में भी वे अपनी 30 वर्षों की त्याग और सेवा की परंपरा का पालन करना अपना धर्म समझती हैं। इस हाल में नया घर और कार्यालय मिलने से उनके जीवन में सुख का एक टुकड़ा तो नसीब हो ही सकता है।
पहले बनाती थीं लकड़ी के चूल्हे पर इडली
इससे पहले वो लकड़ी के चूल्हे पर ही इडली बनाकर लोगों को खिलाती थीं। समझना मुश्किल नहीं है कि उन्हें लकड़ी के चूल्हे पर इडली बनाने में कितनी परेशानी होती होगी, लेकिन वे इसे अपना कर्तव्य समझकर सहर्ष करती थीं।
Kamala Paatti selling Idlis cooked using firewood for over 30 years has been provided with an #HPGas commercial installation with proper Burner & Piping alongwith a Wet Grinder which will help her expand business & will ease her life with the convenience of cooking Idlis on LPG. pic.twitter.com/5ajWfReEdZ
— Hindustan Petroleum Corporation Limited (@HPCL) September 11, 2019
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