महाराष्ट्र देश का उद्योगी राज्य है। इसकी गिनती उन्नत राज्यों में होती है। लेकिन जब बात विभिन्न क्षेत्रों से निकलनेवाले कचरे और उसके पुनरचक्रण की होती है तो राज्य की स्थिति बहुत ही पिछड़ी है। जो एक चेतावनी है राज्य के लिए जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनो ही बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल के आंकड़े के अनुसार राज्य मात्र एक प्रतिशत ई-कचरे का पुनरचक्रण करता है। इस आंकड़े की विभीषिका ही होगी कि राज्य एक दिन ई-कचरे का डंपिंग ग्राउंड हो जाएगा।
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल (एमपीसीबी) के आंकड़ों को देखें राज्य में प्रतिवर्ष 10 लाख टन ई-कचरा उत्पन्न होता है, लेकिन इसमें से केवल 975.25 टन का पुनरचक्रण किया गया, जबकि 11,015.49 टन को नष्ट कर दिया गया। इस विषय में अधिकारी कहते हैं कि वे ई-कचरा पुनरचक्रण को बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ 2019-20 के लिए ई-कचरा उत्पादन का आंकड़ा भी साझा किया गया है।
#Thread #Waste generation in #Maharashtra in 2019-20 & details abt #PlasticWaste presented by Nandkumar Gurav, Regional Officer,#MaharashtraPollutionControlBoard#MahaClimateVoices pic.twitter.com/k3kATtOPuQ
— Virat A Singh (@tweetsvirat) April 8, 2021
ई-कचरा में इनका समावेश
ई-कचरे या इलेक्ट्रॉनिक कचरे में टीवी उपकरण, कंप्यूटर, फोन, लैपटॉप आदि शामिल हैं। विशेषज्ञों ने ई-कचरे के पुनरचक्रण में खराब रिकॉर्ड पर चिंता जताई है, इसके बाद भी महाराष्ट्र देश में ई-कचरे का शीर्ष उत्पादक है। अधिकारियों के मुताबिक, लैंडफिल या डंपिंग ग्राउंड में डंप करने पर ई-कचरे की अनुचित हैंडलिंग से पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचती है।
हम ई-कचरा पुनरचक्रण को बढ़ाने के लिए असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र के दायरे में लाने की प्रक्रिया में हैं। राज्य के जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के लिए हमारी यह प्रमुख सिफारिश है।
नंदकुमार गुरव, क्षेत्रीय अधिकारी (मुख्यालय), एमपीसीबी
वर्ष 2019-20 में कचरा संकलन
- नगरपालिकाओं से दैनिक घन कचरा संकलन 22,945 टन
- कुल घन कचरा संकलन 84 लाख टन
- दैनिक घन कचरे में से 98.7% एकत्रित किया गया
- 15,980 टन या 70% पर वैज्ञानिक प्रक्रिया से गुजरी
- पिछले पांच वर्षों में देश का सबसे अधिक कचरा उत्पादक
असंगठित क्षेत्र संभालता है जिम्मेदारी
टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर सतीश सिन्हा ने चेतावनी दी है कि राज्य में 90 प्रतिशत ई-कचरे के प्रबंधन को असंगठित क्षेत्र संभालता है, जो कि अवैध है।
ई-कचरा उत्पादक (महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल)
- राज्य में हैं 261 ई-कचरा उत्पादक
- मात्र 9 ई-कचरा पुनरचक्रणकर्ता और 90 डिसमैंटलर (विघटनकर्ता)
उद्योगों से निकलेवाला कचरा
- उद्योगों से 10 लाख टन खतरनाक अपशिष्ट
- 4.4 लाख टन प्लास्टिक अपशिष्ट
- 7116 उद्योग पैदा करते हैं खतरनाक कचरा
- मात्र 63 प्रतिशत का पुनर्चक्रण
- 37 प्रतिशत कचरे की उचित उपचार के बिना डंपिंग