कोरोना काल में देश के लोगों ने घर से काम करने की व्यवस्था को बेहतर ढंग से समझा और जाना। छोटी-बड़ी लभगग सभी कंपनियों ने अपने अधिकारियों- कर्मचारियों से इस व्यवस्था से काम कराया। लेकिन अब एक सर्वे में जानकारी मिली है कि भारत में 59 फीसदी कर्मचारी घर से काम करना नहीं चाहते।
जॉब साइट इनडीड के एक सर्वे के अनुसार 67 फीसदी बड़ी और 70 फीसदी मध्य आकार की भारतीय कंपनियां कोरोना के बाद अपने कर्मचारियों से घर से काम कराने के पक्ष में नहीं हैं।
डिजिटल स्टार्टअप कंपनियां भी ऑफिस कल्चर के पक्ष में
यहां तक कि डिजिटल स्टार्टअप कंपनियों ने भी ये संकेत दिए हैं कि वे ऑफिस कल्चर के पक्ष में हैं। ज्यादातर कंपनियां कोरोना संकट के बाद ऑफिस कल्चर में लौटना चाहती हैं। उनक कहना है कि महामारी समाप्त होने के बाद वे घर से काम जारी रखना पसंद नहीं करेंगे।
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काम की गुणवत्ता पर प्रभाव
इनडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने अपने बयान में कहा कि घर से काम का परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं होता और कर्मचारियों में काम के प्रति एकाग्रता का अभाव होता है। इसके साथ ही उनके काम पर लगातार नजर रखना संभव नहीं होने से कई बार काम की गुणवत्ता बहुत ही खराब होती है।
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कर्मचारी भी ऑफिस से काम करने में पक्ष में
59 फीसदी कर्माचारियों ने भी यही कहा कि वे काम के मूल स्थान पर वापस लौटना चाहते हैं और कोरोना संकट खत्म होते ही वे शहरों मे लौटने के लिए तैयार हैं। इस सर्वे में 1200 कर्मचारियों और 600 कंपनियों के मालिकों या वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने मंतव्य व्यक्त किए।