दुर्गा पूजा के प्रसिद्ध पंडालों में दर्शन के लिए इस वर्ष भीड़ है। इस भीड़ और कोलकाता न पहुंच पाए हों तो कोई बात नहीं है। नुवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड ने दुर्गा भक्तों के लिए वर्चुअल दर्शन की सुविधा शुरू की है। इसके लिए https://nuvocopandalhopping.com/ पर लॉग ऑन करना होगा। यह वेबसाइट अंग्रेजी और बंगाली दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।
दुर्गा पूजा मनाने के लिए हर साल लाखों भक्त कोलकाता में इकट्ठे होते हैं। प्रदर्शित की गई विभिन्न मूर्तियों, पंडालों और कलाकारी को देखने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की आम प्रथा है। वैसे, पिछले साल एक सफल ऑनलाइन त्योहार मनाने के बाद और पूजा स्थलों पर लोगों के प्रवेश करने पर कोविड-19 प्रतिबंधों के जारी रहने के कारण, नुवोको एक बार फिर झूलते वर्चुअल पंडाल का अनुभव लेकर आया है जो भक्तों को उनकी पसंदीदा त्योहार की गतिविधि को अनुभव करने की सहूलियत देता है। इस साल, नुवोको ने पिछले कुछ सालों में कोलकाता और अन्य जगहों पर सबसे अधिक देखे जाने वाले और लोकप्रिय पंडालों के रूप में चुने गए चोटी के दुर्गा पूजा पंडालों को 360-डिग्री के मनोरंजक यात्रा की सुविधा देकर अपने त्योहार और खर्च की राशि में बढ़ोत्तरी की है।
पुरस्कार घोषित
कंपनी पंडालों में ‘सबसे अच्छे पोशाक वालों’ और ‘सर्वश्रेष्ठ पंडालों’ के लिए ब्रांडिंग कैंपेन चलाएगी। दर्शकों को अपने पसंदीदा पंडाल के लिए वोट देने का मौका मिलेगा और सबसे अधिक वोट पाने वाले चोटी के 3 पंडालों को 40 हजार, 30 हजार, और 20 हजार रुपये से सम्मानित किया जाएगा। कंपनी ने टीका लगे हुये उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त ई-पास की भी व्यवस्था की है। मंच पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य विपणन, नवाचार और रणनीति अधिकारी मधुमिता बसु, ने कहा, “पूरब के एक प्रमुख सीमेंट कंपनी के रूप में, हम लोगों और उनकी संस्कृति के साथ एक गहरा संबंध महसूस करते हैं। दुर्गा पूजा हमारे लिए हमेशा एक खास समय रहा है, और इस बात को ध्यान में रखते हुये कि कंक्रीटो, डबल बुल और ड्यूरागार्ड वाटरसील जैसे प्रमुख ब्रांडों को पेश करने के लिए है यह हमारा प्रमुख बाजार है, हमें इस झूलते वर्चुअल पंडाल वाले कदम की सहायता से अपने ग्राहकों से जुड़ने का मौका मिलता है। अपने लॉन्च पर यह एक बड़ी सफलता साबित हुई क्योंकि दुनिया भर के लोगों ने पूजा समारोहों को सामने से देखने के लिए लॉग इन किया। कोविड के ऐसे समय में इस तरह के कदम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भक्तों को किसी भी भीड़-भाड़ वाले जगह इकट्ठा होने से बचते हुये पंडाल में जाने में मदद करते हैं।”