पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल महासागरों में समाया हुआ है। महासागरों की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे।
प्रशांत महासागर सबसे बड़ा
प्रशांत महासागर पृथ्वी पर सबसे बड़ा महासागर है। पृथ्वी की सतह का यह लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा है। इस महासागर की गहराई 35 हजार फुट और इसका आकार त्रिभुजाकार है। प्रशांत महासागर में करीब 25,000 द्वीप हैं।
अटलांटिक महासागर की विशालता
अटलांटिक महासागर क्षेत्रफल और विस्तार की दृष्टि से दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा महासागर है। इसके पास पृथ्वी का 21 प्रतिशत से अधिक भाग है। अटलांटिक महासागर का आकार अंग्रेजी के 8 की संख्या के जैसा है। इस महासागर की कुछ वनस्पतियां खुद से चमकती हैं क्योंकि यहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती।
हिंद महासागर है तीसरा सबसे बड़ा
हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह धरती का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा है। हिंद महासागर को रत्नसागर नाम से भी जाना जाता है। हिन्द महासागर इकलौता ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर रखा गया है।
अंटार्कटिका की विशेषता
अंटार्कटिका महासागरों में चौथा सबसे बड़ा महासागर है। इस महासागर को ऑस्ट्रल महासागर के नाम से भी जाना जाता है। इस महासागर में आइसबर्ग तैरते हुए देखे जाते हैं। अंटार्कटिका की बर्फीली जमीन के अंदर 400 से भी अधिक झीलें हैं।
सबसे छोटा महासागर
आर्कटिक महासागर पांच महासागरों में सबसे छोटा और उथला महासागर है। इसे उत्तरी ध्रुवीय महासागर भी कहते हैं। सर्दियों में यह महासागर पूर्णतः समुद्री बर्फ से ढका रहता है।