कोरोना काल की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है। इसे देखते हुए महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा विभाग ने कोरोना मुक्त क्षेत्र में कक्षा 8वीं से 12वीं तक के स्कूल शुरू करने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए शिक्षकों, छात्रों और स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय निकायों के लिए भी नियम बनाए गए हैं।
राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के कोविड मुक्त गांव की ग्राम पंचायत अपने अधिकार क्षेत्र के स्कूलों में 8वीं से 12वीं तक कक्षा शुरू करने के संबंध में अभिभावकों से चर्चा कर निर्णय ले सकती हैं। बच्चों को सुबह और दोपहर के दो चरणों में स्कूल में बुलाया जाना चाहिए।
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ये हैं दिशानिर्देश
- कोरोना संक्रमण से बचने से संबंधित सभी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करना जरुरी है।
- एक बेंच पर एक छात्र, दो बेंचों के बीच 6 फीट की दूरी, एक कक्षा में अधिकतम 15 से 20 छात्र बैठाए जाने चाहिए।
- साबुन से लगातार हाथ धोना, मास्क का प्रयोग, कोरोना के लक्षण दिखने पर छात्रों को घर भेजना, तत्काल कोरोना टेस्ट कराना जरुरी है।
- संबंधित विद्यालय के शिक्षकों के आवास की व्यवस्था यथासम्भव उसी गांव में की जाए, यदि प्रतिदिन दूसरे गांव से शिक्षक आते हैं तो सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- स्कूल और स्कूल परिसर में साफ-सफाई और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखना, स्कूल में हाथ धोने की सुविधा प्रदान करना जरुरी है।
- आवश्यक वस्तुएं जैसे थर्मामीटर, सैनिटाइजर, साबुन का पानी आदि उपलब्ध कराना जरुरी है।
- स्थानीय प्रशासन (ग्रामीण और शहरी) को स्कूल की सफाई और सैनिटाइज सुनिश्चित करना चाहिए।
- यदि किसी स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर है तो स्थानीय प्रशासन को उसे स्थानांतरित करना चाहिए।
- स्थानीय प्रशासन को ऐसे स्कूल को प्रबंधन को हस्तांतरित करने से पहले पूरी तरह से सैनिटाइज कराना चाहिए।
- यदि क्वारंटाइन सेंटर को स्थानांतरित करना संभव नहीं है, तो स्कूल खुले क्षेत्र में या कहीं और स्थित होना चाहिए।
- संबंधित विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षण स्टाफ कोविड-19 की जांच कराएं।
- कक्षा के साथ-साथ स्टाफ रूम में भी बैठते समय सामाजिक दूरी का पालन करना जरुरी है।