महाराष्ट्र में कोरोना के नए मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का भय बना हुआ है। इस बीच 10 सितंबर से राज्य में गणेशोत्व का शुभारंभ होने जा रहा है। इस दौरान कोरोना का संक्रमण न बढ़े, इसलिए राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने गणेशोत्सव पर पाबंदियां लगाई हैं। लोगों की भीड़ को रोकने के लिए सरकार ने ये पाबंदिया लागू की हैं। इसी कड़ी में पुणे में 10 सितंबर, गणेश चतुर्थी के दिन से धारा 144 लागू कर दी गई है।
पुलिस के पहरे में गणेशोत्सव
पुणे में इस साल गणेशोत्सव के दौरान धारा 144 लागू कर दी गई है। यह धारा अनंत चतुर्दशी यानी 19 सितंबर तक लागू रहेगी। इसलिए पुणे में कहीं भी दिन-रात 5 से ज्यादा लोग एक साथ नहीं जमा हो सकते। इस दौरान शोभा यात्रा नहीं निकाली जा सकती, चाहे बप्पा का आगमन हो या विसर्जन। इसके साथ ही किसी प्रकार का सामाजिक या मनोरंजन का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। यह आदेश पुणे शहर के आयुक्त रवींद्र सिसवे ने जारी किया है। शहर में सुरक्षा के लिए 7,500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
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सीमीत रुप से गणेशोत्सव मनाने की अनुमति
बता दें कि पुणे में कुल 3,540 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल हैं। इनमें से अधिकांश मंडल गणेश मंदिरों में हैं। वे इस साल का गणेशोत्सव मंदिर में ही मनाने जा रहे हैं, उन्हें मंडप की अनुमति नहीं दी गई है। जिन मंडलों में मंदिर नहीं हैं, उन्हें सीमित क्षेत्र में मंडप लगाने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही मंडप में आने और बप्पा के दर्शन करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए गणेश मंडलों को अब ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।